अमेरिकी मौद्रिक नीति से निपटने के पर्याप्त साधन: वित्त मंत्रालय

अमेरिकी मौद्रिक नीति से निपटने के पर्याप्त साधन: वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सस्ते ऋण की नीति की वापसी से रपए के लुढ़कने का खतरा नहीं है क्योंकि भारत के पास ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अरविंद मायाराम ने सोमवार को यहां एक समारोह में कहा कि मेरा मानना है जब मौद्रिक प्रोत्साहनों की वापसी की शुरुआत होगी तो विदेशी पूंजी की निकासी होगी, लेकिन यह भी तथ्य है कि हमारे पास (ऐसी स्थिति से निपटने के लिए) पर्याप्त संसाधन हैं। इसलिए रुपये के लुढ़कने के बारे में आशंकित होने की कोई जरूरत नहीं है।

मायाराम ने कहा कि आरबीआई के पास 270 अरब डालर का विदेशी मुद्रा भंडार है। चालू वित्त वर्ष में 40 अरब डालर की और विदेशी पूंजी आने की उम्मीद है, जापान के साथ 50 अरब डालर की करेंसी की अदला-बदली की व्यवस्था हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों के साथ 100 अरब डालर के आपात कोष के गठन पर भी समझौता हुआ है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले सप्ताह विश्व भर के बाजारों को यह कहकर चौंका दिया था कि वह हर महीने 85 अरब डालर की बांड खरीद का कार्यक्रम अभी जारी रखेगा। उसने कहा है कि प्रोत्साहन वापस लेने का फैसला करने से पहले वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि के रझानों में और सुधार का इंतजार करेगा।

इससे पहले अमेरिका में मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रम वापस लिए जाने की आशंका के कारण भारत सहित विभिन्न उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी निकासी शुरू हो हुई थी। डालर के मुकाबले भारतीय रुपया में गिरावट का रख बन गया था और और शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई थी। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 23, 2013, 15:07

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