Last Updated: Tuesday, December 27, 2011, 12:06
नई दिल्ली : नरमी की आशंका के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्दी ही उच्च वृद्धि की ओर लौटेगी। मुखर्जी ने वित्त मंत्रालय से जुड़ी सलाहकार समिति की बैठक में कल कहा कि मौजूदा नरमी अस्थाई है। समिति की चालू वित्त वर्ष के दौरान यह चौथी बैठक थी। इससे पहले इस महीने सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान 7.5 फीसदी कर दिया जो पहले नौ फीसदी था।
वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। यूरो क्षेत्र के संकट के कारण विदेशी मांग में कमी आई है जिससे निर्यात वृद्धि धीमी पड़ी है, मुद्रा के मूल्यांकन में उतार-चढाव और चालू खाता घाटा उन कुछ कारणों में से हैं जिनसे हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को व्यय सीमित रखने का निर्देश जारी किया गया है। मूल्य वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 1.8 फीसदी पर आ गई है और आम तौर पर मंहगाई में कमी आई है। बचत दर भी बढ़ी है।
सलाहकार समिति की इस बैठक में लोकसभा और राज्य सभा के कई सांसदों ने भाग लिया। उनका कहना था कि कृषि श्रमिकों के गांव से शहर में हो रहे पलायन को रोकने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ सदस्यों ने कहा कि कृषि की बारिश पर निर्भरता कम करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए और देश में तिलहन व दलहन की पैदावार बढ़ाने के लिये पर्याप्त प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि के लिए ऋण प्रवाह भी बढ़ाया जाना चाहिए और नकद सब्सिडी सीधे लाभार्थी को दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा कुछ सदस्यों ने किसानों को न्याय दिलाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने की भी अपील की। उनका इशारा बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश खोले जाने की तरफ था। सदस्यों ने कहा कि सरकार को इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर उचित प्रणाली खड़ी करनी चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 27, 2011, 17:42