‘अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक नीतियों की जरूरत’

‘अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक नीतियों की जरूरत’

मुंबई : इंफोसिस के चेयरमैन केवी कामत तथा जीवीके समूह के उपाध्यक्ष संजय रेड्डी जैसे प्रमुख उद्योगपतियों ने शनिवार को कहा कि धीमी पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए दीर्घकालिक नीतियों की जरूरत है।

उद्योगपतियों ने मौजूदा आर्थिक समस्याओं के लिए नीतियों में स्पष्टता का अभाव तथा उच्च ब्याज दर को जिम्मेदार ठहराया।

कामत ने कहा कि नीतिगत उपायों में देरी, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, उच्च ब्याज दर तथा नकदी चिंताओं के कारण तीव्र आर्थिक वृद्धि की संभावना नरम हुई है।

मिशिगन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित इंडिया बिजनेस सम्मेलन में उन्होंने कहा, उच्च ब्याज दर बड़ी चुनौती है। जहां तक निवेश का सवाल है, वहां केवल ब्याज दर का ही मुद्दा नहीं है बल्कि जमीन अधिग्रहण की समस्या तथा पर्यावरण नीतियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा, अगर इसमें सुधार नहीं होता है, आप निवेश नहीं करेंगे। इन चीजों में स्पष्टता होनी चाहिए या उद्योग के बीच यह विश्वास होना चाहिए कि इन मुद्दों से सही तरीके से सरकार निपटेगी।

इंफोसिस के संस्थापक और मुख्य संरक्षक एनआर नारायणमूर्ति ने विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि केंद्र को आर्थिक नीतियों को बढ़ाने में तेजी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गयी जो नौ साल का निम्नतम स्तर है। मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 11, 2012, 20:48

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