Last Updated: Friday, December 28, 2012, 00:15
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आशा व्यक्त की है कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर मजबूत दर के साथ वृद्धि कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि ऊंची बचत दर, सेवा क्षेत्र में वृद्धि, निरंतर मांग पैदा करने वाली वृहद मध्यम वर्ग और तकनीकी तथा कुशल लोगों और युवाओं जैसे मजबूत घटकों के बल पर हमारी अर्थव्यवस्था में यह संभव है। वित्त मंत्री आज यहां राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटा को कम करने के लिए हमें संसाधन जुटाने के साथ ही व्यय पर नियंत्रण रखना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ उपायों के कारण हमें तत्काल पीड़ा हो सकती है किंतु अगले तीन वर्षों में राजकोषीय घाटा को तीन प्रतिशत तक नीचे लाने के लिए ये आवश्यक हैं।
मंत्री ने कहा कि चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी लाने के उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोने के आयातों पर नियंत्रण की आवश्यकता है, जिसके कारण चालू खाता घाटे में 64 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान होता है। चिदंबरम ने राज्यों का आह्वान करते हुए कहा कि राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पादन के 2.1 प्रतिशत तक लाने और 0.75 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व जुटाने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 28, 2012, 00:15