Last Updated: Wednesday, April 25, 2012, 09:11
नई दिल्ली : औद्योगिक उत्पादन और निर्यात वृद्धि के गलत आंकड़े सामने आने को संसदीय समिति ने गंभीरता से लिया है और इसकी स्वतंत्र जांच कराने पर जोर दिया है। संसदीय समिति ने कहा है कि महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े गलत पेश किये जाने से एक बड़ी कमजोरी सामने आई है और इससे पूरा देश अंधेरे में लगता है।
संसदीय समिति की यह प्रतिक्रिया जनवरी 2012 के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों में भारी फेरबदल सामने आने के बाद आई है। जनवरी में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के शुरुआती आंकडों में 6.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई जबकि बाद में संशोधित आंकड़ों में यह वृद्धि मात्र 1.4 प्रतिशत रह गई।
संसद की वित्तीय मामलों की स्थायी समिति ने कहा है समिति आंकडों को इस तरह पेश किये जाने को लेकर काफी गंभीर है, इससे न केवल सरकार बल्कि पूरा देश अंधेरे में लगता है। समिति के अध्यक्ष पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा हैं।
समिति ने कहा है कि वह इस मामले में स्वतंत्र जांच कराने की पक्षधर है। आंकड़ों में इस स्तर की गलती की पूरी निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिये और यह रिपोर्ट समिति को तीन माह के भीतर पेश की जानी चाहिये।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के आंकड़ों में हुये भारी बदलाव पर हैरानी व्यक्त की थी और संबंधित विभाग से मामले को देखने के लिये कहा था।
इसी प्रकार निर्यात आयात के आंकड़ों में भी संशोधन करना पड़ा था। वाणिज्य मंत्रालय ने अप्रैल से अक्तूबर 2011 के निर्यात आंकड़ों को पहले 179.8 अरब डॉलर बताया था लेकिन बाद में इसे कम करके 171 अरब डॉलर बताया गया। मंत्रालय ने इसके पीछे मानव और कंप्यूटर त्रुटि को इसकी वजह बताया।
संसदीय समिति ने कहा कि व्यापक आर्थिक महत्व के आंकड़ों को जुटाने के लिये कई कदम उठाये हैं समिति ने भी कहा आंकड़े जुटाने में काफी सुधार की गुजाइश है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 25, 2012, 14:56