Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 12:39
बेंगलूरु : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने गुरुवार को कहा कि सरकार मासिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जारी करने की पूरी व्यवस्था पर विचार के लिए समिति गठित करेगी और आंकड़ों के संग्रह के विभिन्न स्रोत को ‘दुरूस्त’ करने पर गौर करेगी। पीएमईएसी के चेयरमैन सी. रंगराजन ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे लगता है कि सरकार अब औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के परीक्षण के लिये समिति गठित कर रही है। उनसे यह पूछा गया था कि आईआईपी के आंकड़े में उतार-चढ़ाव को लेकर कुछ तबकों में चिंता है तथा क्या सरकार इसका हल निकालने के लिये उपाय करेगी।
आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जनवरी में आईआईपी वृद्धि के आंकड़ें को संशोधित कर 1.14 किया गया है। जबकि अस्थायी अनुमान में इसके 6.8 प्रतिशत रहने की बात कही गई थी। रंगराजन ने कहा कि आईआईपी से संबद्ध आंकड़ें कई स्रोत से आते हैं और मंत्रालय उसे जोड़कर जारी करता है। इसीलिए हमें विभिन्न स्रोत को दुरूस्त करने की जरूरत है, जहां से आंकड़े आते हैं। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि फरवरी महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर तथा जनवरी के लिए संशोधित आंकड़ा यह स्पष्ट संकेत देता है कि औद्योगिक उत्पादकता में अभी तेजी नहीं आई है।
उन्होंने कहा कि इसीलिए 2011-12 के दौरान औद्योगिक वृद्धि दर केवल 3.8 प्रतिशत रहेगी। इसका संकेत हम पहले से दे रहे थे। इस वर्ष फरवरी महीने में औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 4.1 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र तथा उपभोक्ता वस्तु खंड में खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक वृद्धि दर घटी है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 12, 2012, 18:09