Last Updated: Sunday, February 5, 2012, 13:17
नई दिल्ली : साइबर विशेषज्ञों ने इंटरनेट उपभोक्ताओं को ऐसे घोटालेबाजों की जाल में फंसने से आगाह किया है जो सरकारी डोमेन नामों से लोगों को लुभा रहे हैं और वित्तीय एवं व्यक्तिगत सूचना हासिल करने के लिए उन्हें फर्जी ई-मेल भेज रहे हैं।
इन दिनों लोगों के मेल बॉक्स में आयकर विभाग के नाम से ई-मेल भेजे जा रहे हैं जिसमें विभाग के पास कर रिफंड लंबित होने का दावा करते हुए लोगों से वित्तीय एवं बैंक से जुड़ी सूचनाएं मांगी जा रही हैं।
इसी तरह का एक ईमेल लखनउ के अरुण को मिला जिसमें लिखा था, हमने बीते वित्त वर्ष के लिए आपकी कर देनदारी की समीक्षा की और पाया कि 34,120.05 रुपये कर देनदारी से अधिक है। कृपया एक कर रिफंड जमा करें और हमें 10 दिनों के भीतर इसकी प्रोसेसिंग करने की अनुमति दें। अरुण को इस ई-मेल पर इसलिए आश्चर्य हुआ क्योंकि वह एक विद्यार्थी है और उसने कभी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया। इसलिए कर रिफंड के लिए वह कैसे पात्र हो सकता है।
एक निजी साइबर सुरक्षा फर्म के एक अधिकारी ने कहा, इस तरह के ई-मेल से लगता है कि वेबसाइट के पास एक खुला प्राक्सी डोमेन है जो किसी को भी आयकर विभाग के डोमेन का नाम हथियाने का मौका देता है। इस तरह से विभाग ने अपने सर्वर को उचित ढंग से सुरक्षित नहीं किया है।
First Published: Sunday, February 5, 2012, 18:48