Last Updated: Friday, August 30, 2013, 22:02

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलायंस कम्यूनिकेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एमडी रहे मुकेश अंबानी को आठ साल पुराने एक आपराधिक मामले में व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने से छूट दे दी है।
यह मामला कंपनी की ओर से अपनी मोबाइल सेवाओं में कथित तौर पर ऐसे सॉफ्टवेयर विकसित करने से जुड़ा है जिससे ऐसी योजना बनायी जा सकती थी कि किसी खास लिंग के बच्चे के पैदा होने की संभावना काफी बढ़ जाती। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) के सात जून के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का यह आदेश आया है। सीएमएम ने अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस इंफोकॉम को बतौर आरोपी समन भेजा था जबकि आरोप-पत्र में उनका नाम नहीं था।
दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने निचली अदालत द्वारा समन जारी करने के आदेश के खिलाफ अंबानी की अर्जी पर उससे पांच दिसंबर तक जवाब तलब किया है। अर्जी में प्राथमिकी रद्द करने की भी मांग की गई है। न्यायालय ने व्यक्तिगत तौर पर पेशी से यह कहते हुए अंबानी को छूट दी, याचिकाकर्ता का कोई अधिकृत प्रतिनिधि 10 सितंबर को अदालत में पेश हो सकता है। इस न्यायालय के अगले आदेश तक निचली अदालत उनकी व्यक्तिगत पेशी पर जोर नहीं देगी। इसी तरह, न्यायालय ने यह भी कहा कि कंपनी का भी कोई अधिकृत प्रतिनिधि निचली अदालत में पेश हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 22:02