आयकर छूट की सीमा 3 लाख करने की सिफारिश - Zee News हिंदी

आयकर छूट की सीमा 3 लाख करने की सिफारिश



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

नई दिल्‍ली : प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) पर एक संसदीय समिति ने आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये सालाना किए जाने की सिफारिश की है। बजट सत्र से ठीक पहले प्रस्तुत प्रतिवेदन में समिति ने कहा है कि कर में छूट के प्रावधानों वाली बचत योजनाओं में निवेश की छूटशुदा सीमा बढ़ाकर 3.20 लाख रुपये की जानी चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री एंव भारतीय जनता पार्टी के नेता यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने डीटीसी पर अपना प्रतिवेदन आज लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को सौंपा।

 

समिति ने संपत्ति कर की सीमा को 5 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है और साथ प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) को समाप्त किए जाने की सिफारिश की है। समिति ने कंपनियों की आय पर कर की दर 30 फीसद के मौजूदा स्तर पर बरकरार रखने का सुझाव दिया है। इस रिपोर्ट से संसद में डीटीसी विधेयक पर बहस और इसे पारित किए जाने का रास्ता साफ होगा। डीटीसी विधेयक करीब पांच दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा। जारी संसदीय समिति ने जहां आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 1.80 लाख रुपये से 3 लाख रुपये किए जाने की सिफारिश की है, वहीं 3 से 10 लाख रुपये की सालाना आमदनी पर 10 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने का सुझाव दिया है। समिति ने 10 से 20 लाख रुपये की आमदनी पर 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद कर लगाने की सिफारिश की है।

 

अभी 1.8 लाख से 5 लाख रुपये की आमदनी पर 10 फीसद कर लगता है, 5 से 8 लाख रुपये की आमदनी पर 20 प्रतिशत और 8 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से आयकर लगता है। सरकार द्वारा प्रस्तुत डीटीसी में आयकर छूट की सीमा को दो लाख रुपये किए जाने का प्रस्ताव है। 2 से 5 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख पर 20 प्रतिशत तथा 10 लाख रुपये से अधिक पर 30 फीसद कर लगाने का प्रस्ताव है।

 

विभिन्न योजनाओं में निवेश और खर्च पर कर छूट के संबंध में समिति का सुझाव है कि इसमें 3.2 लाख रुपए तक के निवेश पर कर में छूट हो। डीटीसी में इसे 2 लाख रुपये किए जाने का प्रस्ताव है। संपत्ति कर के बारे में समिति ने सुझाव दिया है कि यह कर तभी लगना चाहिए जब किसी विशेष संपत्ति का मूल्य 5 करोड़ रुपये से अधिक हो। फिलहाल 30 लाख रुपये की संपत्ति पर यह कर लगता है। डीटीसी में इसे एक करोड़ रुपये किए जाने का प्रस्ताव है। समिति ने सुझाव दिया है कि 5 से 20 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर संपत्ति कर 0.5 प्रतिशत लिया जाना चाहिए। 20 से 50 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कर की दर 0.7 प्रतिशत और 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पर कर की दर एक फीसद होनी चाहिए। फिलहाल संपत्ति कर की दर एक प्रतिशत है।

 

डीटीसी विधेयक का मकसद देश के प्रत्यक्ष कर ढांचे का आधुनिकीकरण करना है। इसे अगस्त, 2010 में संसदीय समिति को भेजा गया। संसद का बजट सत्र 12 मार्च से शुरू हो रहा है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी 16 मार्च को 2012-13 का आम बजट पेश करेंगे।

First Published: Saturday, March 10, 2012, 10:49

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