Last Updated: Tuesday, April 30, 2013, 21:44
नई दिल्ली : कर चोरी से निपटने के लिए वित्त मंत्रालय व्यक्तियों एवं हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए आयकर रिटर्न फार्मों में भारतीय संपत्तियों एवं देनदारियों का ब्यौरा उपलब्ध कराना अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ सरकार एक नया आयकर रिटर्न फार्म पेश करने पर विचार कर रही है जिसमें व्यक्तियों को विभिन्न स्रोतों से महज वाषिर्क आय के बजाय अपनी सभी संपत्तियों एवं देनदारियों का खुलासा करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगले दो दिनों में निर्णय कर लिया जाएगा। पिछले साल उन व्यक्तियों के लिए संपत्तियों एवं देनदारियों का ब्यौरा उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया था जिनकी विदेश में संपत्तियां हैं।
अधिकारी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य उन हाई नेटवर्थ वाले लोगों के बारे में सूचना प्राप्त करना है जो संपत्ति कर देने से बचने के लिए अपनी सभी संपत्तियों का खुलासा नहीं करते रहे हैं।
वित्त वर्ष 2012.13 में संपत्ति कर संग्रह 866 करोड़ रपये रहा जो 1,244 करोड़ रपये के बजट अनुमान से काफी कम है। वित्त वर्ष 2013.14 के लिए वित्त मंत्रालय ने 950 करोड़ रपये संग्रह का लक्ष्य रखा है।
आम बजट में सरकार ने एक करोड़ रपये से उपर की वाषिर्क करयोग्य आय पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाया है और 50 लाख रपये से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति के हस्तांतरण पर डीटीएस लागू किया है।
वर्तमान में, 30 लाख रपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों का एक प्रतिशत बतौर संपत्ति कर वसूला जाता है और इसमें एक रिहाइशी संपत्ति एवं वित्तीय संपत्तियां शामिल नहीं हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 30, 2013, 21:44