आयात शुल्क बढ़ने के बाद अब चीनी आयात रुकेगा: पवार

आयात शुल्क बढ़ने के बाद अब चीनी आयात रुकेगा: पवार

आयात शुल्क बढ़ने के बाद अब चीनी आयात रुकेगा: पवारनई दिल्ली : चीनी आयात शुल्क में और वृद्धि करने की उद्योग जगत की मांग को ठुकराते हुए कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने से इसका आयात रुकेगा और घरेलू बिक्री बढ़ेगी। इससे चीनी मिलों को किसानों का गन्ने का बकाया 9,000 करोड़ रुपये भुगतान करने में मदद मिलेगी। सरकार ने कल चीनी पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, चीनी उद्योग इसे 40 प्रतिशत करने की मांग कर रहा था।

पवार ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि अक्तूबर से शुरु होने वाले विपणन वर्ष 2013-14 में चीनी उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी। इसके बजाय देश के पास निर्यात के लिए अधिशेष चीनी होगी। शुल्क वृद्धि के बारे में पूछने पर पवार ने पेट्र को बताया, चीनी का आयात अब रकेगा। यह (चीनी आयात पर शुल्क वृद्धि) बेहतर है क्योंकि चीनी मिलों गोदाम चीनी से भरे पड़े हैं और इसे कोई लेने वाला नहीं है। ऐसी स्थिति में कम से कम हम अपने किसानों को सुरक्षा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादकों का बकाया करीब 9,000 करोड़ रुपये का है जो अधिकांशत: उत्तर प्रदेश में है।

यह पूछने पर कि चीनी आयात शुल्क में आगे और वृद्धि की कोई गुंजाइश है उन्होंने कहा, जरूरी नहीं है। 15 प्रतिशत की दर पर आयात करना लाभप्रद नहीं है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने सरकार की पहल को ‘काफी कम और काफी देर से लिया गया कदम’ बताते हुए कहा कि, देश में इतनी चीनी है कि आयात शुल्क को करीब 30-40 प्रतिशत के स्तर पर ले जाया जाना चाहिये ताकि किसी भी तरह के चीनी आयात को रोका जा सके। उद्योग सूत्रों के अनुसार भारत ने विपणन वर्ष (अक्तूबर से सितंबर) 2013-14 में अभी तक करीब 6,00,000 टन कच्ची चीनी और 1,00,000 टन रिफाइंड चीनी का आयात किया है। आयात होने से घरेलू कीमतों पर दबाव है जिससे चीनी मिलों के लिए गन्ना के बकाये का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है।

वर्ष 2013-14 में चीनी उत्पादन में 5 प्रतिशत की गिरावट के उद्योग जगत के अनुमान के बारे में पवार ने कहा, कोई कमी नहीं होगी और हम निर्यात करने की स्थिति में होंगे। पिछले साल का बचा हुआ पर्याप्त स्टाक है। घरेलू मांग केवल 2.1 से 2.2 करोड़ टन की ही है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने वर्ष 2013-14 में 2.37 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया है जबकि चालू विपणन वर्ष में करीब 2.5 करोड़ टन का उत्पादन रहा है।

महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादन में संभावित गिरावट के बारे में उन्होंने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। महाराष्ट्र ने गन्ने की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों को उगाना शुरू किया है और आने वाले सप्ताह में बुवाई की स्थिति में सुधार होगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 10, 2013, 21:51

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