आरआईएल की रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने की योजना

आरआईएल की रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने की योजना

नई दिल्ली : विश्व में सबसे बड़े रिफाइनिंग परिसर वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आज कहा कि उसने करने के लिए गुजरात में जामनगर स्थित रिफाइनरी परिसर की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है और इससे अगले चार-पांच साल में कंपनी का मुनाफा दोगुना हो सकता है।

आरआईएल के मुख्य कार्यकारी (रिफाइनिंग एवं विपणन) टोनी फाउंटेन ने यहां पेट्रोटेक 2012 सम्मेलन में कहा हमारे अध्यक्ष (मुकेश अंबानी) कह चुके हैं कि रिलायंस अपना परिचालन मुनाफा दोगुना करेगी। उत्तरवर्ती कड़ियां भी (तेल रिफाइनिंग और विपणन) हमारे इस लक्ष्य का हिस्सा है। आरआईएल के पास वहां घरेलू बाजार के लिए (डीटीए) तेल शोधन करने वाली 3.3 करोड़ टन की क्षमता की एक रिफाइनरी है जिसका ज्यादातर उत्पाद घरेलू बाजार में बेचा जाता है। साथ ही 2.9 करोड़ टन क्षमता की तेलशोधन इकाई है जिसे विशेष आर्थिक क्षेत्र का दर्जा प्राप्त है।

उन्होंने कहा, हम निश्चित तौर पर रिफाइनिंग क्षमता के विस्तार के लिए हर तरह की योजनाओं पर विचार कर हैं। हम डीटीए और सेज दोनों किस्म के विकल्पों के विस्तार पर विचार कर रहे हैं। अंबानी ने सात जून को कंपनी के प्रमुख पेट्रोरसायन और तेल एवं गैस कारोबार व खुदरा और दूरसंचार जैसे नए क्षेत्रों में 12 अरब डालर के निवेश की घोषणा की थी ताकि अगले चार-पांच साल में मुनाफे को दोगुना किया जा सके।

आरआईएल चार अरब डालर की पेट्रोलियम कोक गैसीकरण परियोजना लगा रही है जहां कृत्रिम गैस का उत्पादन होगा जो रिफाइनरी में मंहगी एलएनजी की जगह ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। भारत की तेल रिफाइनिंग क्षमता 2015-16 तक 24 फीसद बढ़कर करीब 26.7 करोड़ टन हो जाएगी। इसमें अभी आरआईएल की विस्तार योजना शामिल नहीं की गयी है।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने कहा कि आरआईएल के 1,452 पेट्रोल पंप में से ज्यादातर पंप अब भी बंद हैं क्यों कि बाजार में सरकारी कंपनियों के साथ बराबरी के आधार पर प्रतिस्पर्धा का वातावरण नहीं है। उन्होंने कहा, हम कहीं भी डीजल नहीं बेच रहे, सिर्फ कुछ पंप चल रहे हैं पेट्रोल की बिक्री के लिए। इन पंपों को बंद करने से पहले हमारी बाजार हिस्सेदारी 13 फीसद थी। सरकारी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा न कर पाने की स्थिति में इन्हें बंद करना पड़ा।

उन्होंने कहा, हम इन्हें (पेट्रोल पंप) फिर से खोलने के लिए तैयार हैं यदि माहौल ठीक रहे। सरकार को या तो डीजल के मूल्य निर्धारण को नियंत्रण मुक्त कर देना चाहिए या फिर निजी कंपनियों को भी बराबर सब्सिडी मुहैया कराई जानी चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 15, 2012, 14:48

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