Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 15:41

नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचित किया है कि उसने केजी-डी6 फील्ड्स से प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ाने की रिलायंस इंडस्ट्रीज की योजना को अंतिम मंजूरी इसलिए नहीं दी क्योंकि कंपनी ने कैग को अपने खर्चों का अंकेक्षण करने की अनुमति देने से मना कर दिया। पेट्रोलियम सचिव जी.सी. चतुर्वेदी ने 24 सितंबर को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पुलक चटर्जी द्वारा बुलाई गई एक बैठक में बताया कि डीजीएच की अगुवाई वाली समिति रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा किए गए सभी विकास प्रस्तावों पर राजी हो गई।
हालांकि, कंपनी द्वारा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को केजी-डी6 ब्लाक पर हुए खर्चों के दूसरे दौर का अंकेक्षण करने की अनुमति देने से इनकार करने के चलते इन प्रस्तावों पर निर्णय लंबित है। सूत्रों ने बताया कि यद्यपि केजी.डी6 ब्लाक की प्रबंधन समिति पिछले तीन साल से लंबित पूंजीगत खर्च योजनाओं को मंजूरी देने को अगस्त में सहमत हो गई थी, प्रस्ताव पर अभी हस्ताक्षर नहीं किया गया है। साथ ही, आरआईएल द्वारा खोजे गए कम से कम तीन भंडारों को भी अभी तक वाणिज्यिक घोषित नहीं किया गया है जोकि वहां उत्पादन शुरू करने के लिए आवश्यक है।
इसके अलावा, समिति ने उसी ब्लाक में एमए तेल एवं गैस फील्ड के लिए संशोधित क्षेत्र विकास योजना को अगस्त में मंजूरी दे दी थी, लेकिन औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। आरआईएल का कहना है कि ये सभी निवेश फील्ड से उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। सूत्रों ने कहा कि चतुर्वेदी ने पीएमओ को केजी-डी6 ब्लाक में उत्पादन की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बैठक में बताया कि फील्ड से उत्पादन 2010-11 से ही सतत रूप से घट रहा है।
सूत्रों ने कहा कि आरआईएल ने 18 सितंबर को पेट्रोलियम मंत्रालय को एक पत्र लिखकर कहा था कि वह फील्ड पर हुए खचरें का वित्तीय अंकेक्षण कराने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही उसने जोर दिया था कि कैग के पास एक निजी कंपनी के अंकेक्षण का अधिकार नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 13:06