Last Updated: Monday, October 31, 2011, 13:58

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा। इस याचिका में उसने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निरस्त करने की मांग की थी। इस घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य शामिल हैं।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी कर सीबीआई से चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख अगले साल 12 जनवरी को निर्धारित कर दी।
अदालत ने हालांकि आरटीएल के उस अनुरोध को फिलहाल खारिज कर दिया, जिसमें दूरसंचार विभाग (डीओटी), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि वह बाद में विचार करेगी कि क्या उन्हें नोटिस जारी करने की जरूरत है।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा कि जहां तक सीबीआई का सवाल है तो मैं नोटिस जारी कर रही हूं। अन्य के लिए (डीओटी, ट्राई और विधि मंत्रालय) मैं फिलहाल नोटिस जारी करने का कोई कारण नहीं पाती। आरटीएल ने याचिका में विधि मंत्रालय को एक पक्षकार बनाने की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि वाणिज्यिक फर्म की ‘सहयोगी’ शब्द के मतलब को स्पष्ट करने वाली मंत्रालय की रिपोर्ट की सीबीआई ने अनदेखी की और उसके खिलाफ आरोप तय करने के दौरान निचली अदालत ने भी इसपर विचार नहीं किया। ऐसा अदालत के रिकॉर्ड में रखे जाने के बावजूद किया गया।
आरटीएल ने पिछले हफ्ते हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें उसके खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा गया था। उसने कहा कि स्वान टेलीकॉम में उसकी हिस्सेदारी 9.9 फीसदी से अधिक भी नहीं थी और साल 2008 में लाइसेंस दिए जाने से पहले ही उसे बेच दिया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 31, 2011, 19:28