Last Updated: Tuesday, August 28, 2012, 00:17
कांचीपुरम (तमिलनाडु) : भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी च्रकवर्ती ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) संबंधी टिप्पणी के लिए एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी को सोमवार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि चौधरी केंद्रीय बैंक के नियामकीय माहौल में काम नहीं कर सकते तो और जगह देख लें।
चौधरी ने कहा था कि सीआरआर से किसी को मदद नहीं मिलती और बैंकों पर इसे लगाना अनुचित है।
चक्रवर्ती ने इस पर कहा, अगर एसबीआई के चेयरमैन हमारे नियामकीय माहौल में काम करने में सक्षम नहीं तो उन्हें कोई और जगह देख लेनी चाहिए।
चक्रवर्ती यहां ग्रेटर लेक्स इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट में सालाना संगोष्ठी में भाग लेने आए थे। एक अन्य सवाल कि किस बैंक को संरक्षण की जरूरत है पर च्रकवर्ती ने कहा, निश्चित रूप से एसबीआई। एसबीआई बहुत बड़ा पेड़ है। अगर आप एसबीआई पेड़ का बचाव नहीं कर पाते तो यह (आग) दूसरे बैंकों तक फैलेगी और प्रणालीगत विफलता हो सकती है।
सीआरआर बैंकिंग जमाओं का वह हिस्सा होता है जो वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास जमा रखना पड़ता है । इस समय सीआरआर 4.75 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक इस जमा पर उन्हें कोई ब्याज नहीं देता। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 28, 2012, 00:17