Last Updated: Thursday, November 29, 2012, 16:09

नई दिल्ली : धन शोधन निवारण संशोधन विधेयक को आर्थिक अपराध रोकने की दिशा में अहम हथियार करार देते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि इस कानून को अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया गया है जो हमारी एजेंसियों को पेश आ रही दिक्कतों को दूर करने में सहायक होगा।
लोकसभा में आज धन शोधन निवारण संशोधन विधेयक 2011 को चर्चा के लिए पेश करते हुए चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की सभी 18 सिफारिशों को स्वीकार करते हुए संबंधित कानून में संशोधन के जरिये आर्थिक अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में भारतीय कानून और विदेशी कानून के प्रावधानों का समावेश करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया गया है। इसके तहत गलत तरीके से धन अर्जित करने और उसे छिपाने को आपराधिक कृत्य घोषित किया गया है।
चिदंबरम ने कहा कि इस कानून के तहत जुमार्ने की राशि को पांच लाख रुपए किया गया है और सम्पत्ति कुर्क करने का विधान भी किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के वित्तीय कार्यवाही कार्य बल और धन शोधन पर एशिया प्रशांत निकाय का सदस्य होने के नाते यह विधेयक महत्वपूर्ण है।
चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के निशिकांत दूबे ने कहा कि जब देश काफी खराब स्थिति से जूझ रहा है, राजकोषिय घाटा गंभीर स्थिति में है, आधारभूत ढांचे की स्थिति खराब है, पेंशन और प्रत्यक्ष कर संहिता जैसे महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हो, तब सरकार को बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर उलझे नहीं रहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है लेकिन आतंकवादियों को वित्तपोषण पर लगाम लगाने, मानव तस्करी को रोकने के लिए कानून प्रावधान का अभाव है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 29, 2012, 16:09