आर्थिक वृद्धि की प्राथमिकता पर जी20 में सहमति

आर्थिक वृद्धि की प्राथमिकता पर जी20 में सहमति

मॉस्को : दुनिया के प्रमुख विकसित एवं विकासशील देशों के समूह जी20 ने आज इस बात पर सहमति जताई कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में ‘कमजोर और अनिश्चित’ सुधार को देखते हुये निकट भविष्य में आर्थिक वृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता होगी।

जी20 के यहां जुटे वित्त मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कर चोरी के खिलाफ तैयार कार्ययोजना का भी समर्थन किया ताकि बजट की खराब होती स्थिति को संभाला जा सके। वित्त मंत्रियों की यहां हुई बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘हम इस पर सहमत हुये हैं कि निकट भविष्य में हमारी प्राथमिकता रोजगार और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाना है।’

मंत्रियों ने कहा कि वह इसपर सहमत हैं कि वैश्विक आर्थिक सुधार को मजबूत और और ज्यादा स्थायी बनाने की आवश्यकता है। बैठक से पहले कई बड़े देशों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के उस बयान को लेकर स्पष्ट किये जाने की मांग की जिसमें उसने अर्थव्यवस्था के प्रोत्साहन उपायों में कटौती किये जाने की बात कही है। इन प्रोत्साहन उपायों के तहत अर्थव्यवस्था में हर महीने 85 अरब डॉलर की नकदी डाली जा रही है। इन उपायों को इस साल के अंत से धीरे धीरे वापस लेने और 2014 के मध्य तक पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की गई है।

वक्तव्य में कहा गया कि इस तरह का कोई भी बदलाव सूझबूझ के साथ किया जाना चाहिये और स्पष्ट तौर पर इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। वक्तव्य के अनुसार वित्तीय बाजार के विभाजन को कम करके रोजगार के अवसर बढ़ाये जाने चाहिये। वैश्विक मांग को संतुलित करने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये मौद्रिक सहयोग लगातार जारी रखा जाना चाहिये।

अमेरिका ने बैठक से पहले ही इस बात को स्पष्ट कर दिया था कि बेरोजगारी का मुद्दे बैठक के केन्द्र में होगा। अमेरिका के वित्त मंत्री जैकब ल्यू ने यूरोपीय संघ के देशों से मांग और वृद्धि में सुधार के लिये और ज्यादा प्रयास करने को कहा। (एजेंसी)

First Published: Saturday, July 20, 2013, 21:41

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