Last Updated: Friday, August 10, 2012, 19:42
नई दिल्ली : वैश्विक वित्तीय संस्थान सिटी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत से नीचे रह सकती है। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट तथा कमजोर मानसून के चलते इसमें कमी आ सकती है।
सिटी ने ‘इंडिया मैक्रो फ्लैश’ नाम से जारी रिपोर्ट में कहा है कि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का असर चालू वित्त वर्ष 2012-13 में पहली तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के आंकड़ों पर पड़ेगा।
इसके अलावा कमजोर मानूसन तथा सेवा क्षेत्र में गिरावट के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि 5 प्रतिशत से कम रह सकती है।
औद्योगिक उत्पादन के गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 0.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 6.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। जून महीने में औद्योगिक उत्पादन में 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इसके अलावा जून-जुलाई में बारिश 20 प्रतिशत कम रही है जिससे खरीफ फसल खासकर मोटे अनाज तथा दालों पर असर पड़ा है। कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र तथा राजस्थान में सूखे जैसी स्थिति है।
इससे पहले, क्रिसिल, सीएलएसए तथा रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है।
मौसम विभाग ने पिछले सप्ताह कहा कि दीर्घकालिक औसत के हिसाब से इस साल मानसून की बारिश सामान्य से 9 से 10 प्रतिशत तक कम रह सकती है। देश के कृषि क्षेत्र में मानसून की अहम भूमिका है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 10, 2012, 19:42