Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 07:09
नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर नरमी का असर देश की आर्थिक वृद्धि दर पर दिखने लगा है। विनिर्माण, कृषि तथा खनन क्षेत्र में तीव्र गिरावट के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी अनुमान के अनुसार कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर 2011-12 में घटकर 2.5 प्रतिशत रहेगी जबकि 2010-11 में यह 7.0 प्रतिशत थी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी चालू वित्त वर्ष में घटकर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में 7.6 प्रतिशत थी।
सीएसओ का जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में आर्थिक वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। मध्यावधि आर्थिक समीक्षा में सरकार ने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत के करीब कर दिया था। मौजूदा अनुमान 2011-12 के लिये 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से काफी कम है। सरकार ने पिछले वर्ष फरवरी में बजट से पूर्व समीक्षा में आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 8, 2012, 09:37