आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन पर ध्यान दे RBI: चिदंबरम

आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन पर ध्यान दे RBI: चिदंबरम

आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन पर ध्यान दे RBI: चिदंबरमअहमदाबाद : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा से एक दिन पहले कहा है कि रिजर्व बैंक को सिर्फ मूल्य स्थिरता पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन पर भी ध्यान देना चाहिए।

हालांकि, वित्त मंत्री ने जुलाई में सोने का आयात फिर बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक ने इस पीली धातु के आयात पर अंकुश के लिए जो कदम उठाए हैं, वे जारी रहेंगे। वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उन्हें वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं दिखती। उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि बड़ी परियोजनाओं में निवेश के लिए उन्हें उचित मात्रा में कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा, विश्व भर में सोच बदल रही है। केंद्रीय बैंक को सिर्फ मुद्रास्फीति के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए। केंद्रीय बैंक के अधिकार को व्यापक दायरे में देखा जाना चाहिए जिसमें मूल्य स्थिरता, वृद्धि और रोजगार के मौके बढ़ाना भी शामिल है। चिदंबरम का यह बयान रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा से एक दिन पहले आया है। उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक इस समीक्षा में भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रही विनिमय दर, नकदी संकट और वृद्धि में नरमी के मुद्दों पर विचार करेगा।

इस बीच, रिजर्व बैंक ने वृहद आर्थिक और मौद्रिक घटनाक्रम पर जारी दस्तावेज में कहा है कि उसका मुख्य ध्यान रपये में स्थिरता लाने पर है। चिदंबरम ने यहां एक समारोह में कहा, मैं यह कहना चाहता हूं कि केंद्रीय बैंक की मूल्य स्थिरता से जुड़ी जिम्मेदारी को हम स्वीकार करते हैं, लेकिन मूल्य स्थिरता को उसके आर्थिक वृद्धि और रोजगार बढ़ाने के व्यापक अधिकार क्षेत्र का एक हिस्सा माना जाना चाहिये। चिदंबरम ने इसके साथ ही कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर सुधरकर 6 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी, जो बीते वित्त वर्ष में 5 फीसदी रही है।

उन्होंने स्वीकार किया कि विश्व भर में सरकारें और केंद्रीय बैंक एक ही तरीके से नहीं सोचती हैं। चिंदबरम ने कहा, दरअसल, केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच यह खींचतान व्यावहारिक है, यह एक तरह से स्वस्थ विरोध है। मैं यह नहीं कह रहा कि यह ठीक नहीं है, शायद यह स्वस्थ है। सोने के आयात का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि जून में यह कम रहा, लेकिन जुलाई में यह फिर बढ़ गया है। जुलाई में आयात फिर बढ़ा है। इसलिए आयात पर अंकुश के कदम जारी रहेंगे।

अप्रैल में सोने का आयात 141 टन रहा था, जो मई में बढ़कर 162 टन पर पहुंच गया। वित्त मंत्री ने सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा सोने के आयात के लिए उठाए गए कदमों को उचित ठहराते हुए कहा, दो महीने में 303 टन सोने का आयात हुआ। यदि इसे छह से गुणा किया जाए, तो पूरे वित्त वर्ष के लिए यह 1,800 टन रहेगा। ऐसे में 1,800 टन सोने के आयात के लिए पैसा है। सरकार ने जहां सोने के आयात पर शुल्क दर बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दी है, वहीं रिजर्व बैंक ने आयात पर अंकुश के लिए कई कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने 2012-13 में 845 टन सोने का आयात किया, जिसके लिए देश को 50 अरब डालर :3 लाख करोड़ रपये: की विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ी।

वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि लोगों को सोना खरीदने से रोकना मुश्किल है। मैं उनसे सिर्फ कह रहा हूं कि वे कम खरीद करें। यदि वे 20 ग्राम सोना खरीदना चाहते हैं, तो सिर्फ 10 ग्राम सोना खरीदें। वृद्धि की संभावनाओं के बारे में चिदंबरम ने कहा, हमारे सर्वश्रेष्ठ लोग इस पर काम कर रहे हैं और चुनौतियों से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले साल 5 फीसद रही थी। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर और सुधरकर 7 फीसद पर पहुंच जाएगी और उसके बाद यह 8 प्रतिशत पर पहुंचेगी। (एजेंसी)

First Published: Monday, July 29, 2013, 15:11

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