Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 09:20
नई दिल्ली : नई विश्व अर्थव्यवस्था में देश अधिक मजबूत बनकर उभरा है। वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बावजूद उच्च विकास दर के साथ यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है। प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से भी इसकी वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ है। यह दावा गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में किया गया है। इसके मुताबिक, प्रति व्यक्ति आय यहां हालांकि अब भी बहुत कम है, लेकिन भविष्य में यहां विकास की अच्छी सम्भावनाएं हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से भी सुधार हुआ है। आर्थिक निर्देशांक और शिक्षा एवं स्वास्थ्य संकेतकों की दृष्टि से यूएनडीपी का मानव विकास सूचकांक वर्ष 1980 के 0.344 से बढ़कर वर्ष 2011 में 0.547 हो गया।
निर्यात के साथ-साथ आयात में भी वृद्धि हुई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में माल एवं सेवाओं के मामले में भारत का निर्यात अनुपात 1990 के 6.2 प्रतिशत से बढ़कर 2010 में 21.5 प्रतिशत हो गया। निर्यात की स्थिति हालांकि संतोषजनक नहीं कही जा सकती, क्योंकि विश्व निर्यात में भारत का हिस्सा केवल 1.5 प्रतिशत है। देश निर्यात के लिए पारम्परिक बाजारों के अतिरिक्त अन्य बाजार भी तलाश रहा है। तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में निर्यात बढ़ने की गुंजाइश है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 20:51