Last Updated: Monday, June 3, 2013, 22:01

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने बड़ी कंपनियों के आला अफसरों यानी कार्याधिकारियों के वेतन ढांचे की जांच करने का फैसला किया है ताकि उन्हें दिए जाने वाले भत्तों आदि पर कर लगाने के छुपे अवसरों को देखा जा सके।
विभाग ने हाल ही में आयकर तथा सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार विमर्श में आय स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) प्रणाली को मजबूत बनाने का फैसला किया है ताकि इस श्रेणी में अधिक राजस्व अर्जित किया जा सके।
पिछले वित्त वर्ष में कुल कर संग्रहण में से एक बड़ा हिस्सा या 41 प्रतिशत राशि अकेले टीडीएस श्रेणी से आई।
वित्त वर्ष 2012-13 में टीडीएस श्रेणी के तहत 2,30,188 करोड़ रुपये जुटाए गये जबकि कुल प्रत्यक्ष कर संग्रहण 5,58,970 करोड़ रुपये रहा।
विभाग ने अपने टीडीएस संग्रहण अधिकारियों से कहा है कि वे बड़ी कंपनियों, पीएसयू तथा बड़ी संख्या में कर्मचारी वाली कंपनियों के आला अफसरों के ‘पूर्ण वेतन ढांचे’ पर ध्यान केंद्रित करें। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भी अपने टीडीएस आयुक्तों से कहा है कि वे इन कंपनियों में कुछ कर्मचारियों को ‘परामर्शक’ श्रेणी में रखे जाने की जांच करें और पता लगायें कि इनके भत्तों आदि में कर लगाने की कोई गुंजाइश है या नहीं।
आयकर अधिकारियों ने बताया कि विभाग अब विश्वविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अतिथि व्याख्याता को दिए जाने वाले भुगतान, आयोजन प्रबंधकों को भुगतान पर भी ध्यान रखेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 3, 2013, 22:01