Last Updated: Sunday, September 9, 2012, 13:09
नई दिल्ली : ऊंचे राजकोषीय घाटे के बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों से कहा है कि वे कुल मिलाकर बजटीय आवंटन से अधिक धन की मांग न करें।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार की वित्तीय हालत के मद्देनजर हाल ही में विभिन्न मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक में कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में आवंटन में किसी बड़ी वृद्धि की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
आमतौर पर मंत्रालयों से मिली जानकारी के आधार पर वित्त मंत्रालय अनुपूरक अनुदान मांगों के जरिए संसद से बजटीय आवंटन बढ़ाने की मंजूरी लेता है।
राजकोषीय घाटा 2012-13 के पहले चार महीने में बजटीय अनुमान का 51.5 प्रतिशत (2.64 लाख करोड़ रुपए) रहा और इस पर काबू पाने के लिए ही ये निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने राजकोषीय घाटे को मौजूदा वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.1 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है जो एक साल पहले 5.8 प्रतिशत था।
सूत्रों के अनुसार चिदंबरम ने मंत्रालयों से नई केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) भी तैयार करने को कहा है। इस तरह की कुल 147 योजनाओं में लगभग 100 में सालाना योजना परिव्यय 300 करोड़ रुपए या कम है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 9, 2012, 13:09