इस दिवाली गिफ्ट में होंगी कटौतियां : सर्वेक्षण

इस दिवाली गिफ्ट में होंगी कटौतियां : सर्वेक्षण

मुम्बई : एक सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय कम्पनियां इस साल दीवाली के मौके पर उपहारों पर 45 से 50 फीसदी तक कम खर्च करेगी। एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) द्वारा पिछले महीने कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक सभी कारोबारी क्षेत्रों में आय और मुनाफे में गिरावट से जूझ रही बड़ी कम्पनियां अपने दीवाली बजट में कटौती करने वाली है।

एसोचैम सोसायटी डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 150 कम्पनियों को शामिल किया गया। ये कम्पनियां 500 से अधिक कर्मचारियों वाली थीं और फार्मा, बैंकिंग, वित्तीय सेवा, बीमा, वाहन, आतिथ्य, विनिर्माण, ऊर्जा, आधारभूत संरचना तथा तेज खपत वाली उपभोक्ता क्षेत्रों की थीं।

सर्वेक्षण में शामिल 150 कम्पनियों में से 20 फीसदी ने इस साल उपहार की परम्परा नहीं निभाने का फैसला किया है। ये कम्पनियां इससे बचने वाली रकम का उपयोग दूसरे जरूरी कार्यो पर करेंगी। दो-तिहाई कम्पनियों ने कहा कि वे उपहारों पर इस साल कम खर्च करेंगी।

अधिकतर कम्पनियों ने कहा कि चूंकि उपहार देना एक रिवाज हो गया है, इसलिए उन्हें इसे निभाना होगा, लेकिन वे आधे मन से ही ऐसा करेंगी। कम्पनियां जहां पहले उपहारों के रूप में सोने के सिक्के , सूखे मेवे और महंगे उपहार दिया करती थीं, वहीं इस वर्ष वे डिजिटल कैमरा, महंगी घड़ियां, लेखन सामग्री, पर्स, स्मार्ट फोन, किफायती टैबलेट और मिठाइयां देंगी।

दिल्ली के खारी बावली के सूखे मेवे के बाजार में पूछताछ करने पर पता चला कि कम्पनियों इस साल 75 फीसदी कम ऑर्डर मिले हैं, जबकि सूखे मेवे की कीमत में 25 फीसदी उछाल आया है। सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय कम्पनियों ने 2009 की दीवाली के अवसर पर उपहारों पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो 2010 में बढ़कर 3,200 करोड़ रुपये हो गया। लेकिन 2011 में इसमें 25 से 30 फीसदी की कटौती हुई। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 2, 2012, 21:58

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