ईंधन आपूर्ति पर कोल इंडिया को निर्देश - Zee News हिंदी

ईंधन आपूर्ति पर कोल इंडिया को निर्देश



दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कोल इंडिया लि. (सीआईएल) को बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ ईंधन आपूर्ति करार पर दस्तखत करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से निर्देश जारी किया। सीआईएल को इन समझौतों के तहत इन कंपनियों को कुल तय कोयले में से 80 फीसद की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।

 

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को बिजली उत्पादकों के साथ 31 मार्च तक करार करने को कहा था, पर वह ऐसा करने में विफल रही। इसके बाद सरकार ने सख्ती दिखाते हुए यह कदम उठाया है।

 

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा, सरकार के पास कुछ आरक्षित अधिकार होते हैं। जब भी आपात स्थिति पैदा होती है उस अधिकार का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे ही हमें यह स्थिति दिखाई दी हमने इसका इस्तेमाल किया। इस वजह से यह निर्देश जारी किया गया है।

 

उन्होंने कहा कि सीआईएल को बिजली उत्पादकों के साथ ईंधन आपूर्ति करार पर दस्तखत करने में दो-तीन दिन से अधिक नहीं लगेंगे।

 

हालांकि, 80 फीसद प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहने की स्थिति में सीआईएल पर जुर्माने की महत्वपूर्ण धारा का मामला सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के निदेशक मंडल पर छोड़ दिया गया है। जायसवाल ने कहा, जुर्माने के बारे में फैसला कोल इंडिया को करना है। उन्हें इसकी पूरी आजादी है।

 

सीआईएल के कुछ निदेशकों द्वारा जुर्माने को लेकर आपत्ति जताए जाने के मद्देनजर यह निर्देश आया है। यह संभवत: दूसरा मौका है जब सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की किसी कंपनी को इस तरह का निर्देश जारी किया है। इससे पहले 2005 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल इंडिया को राष्ट्रपति की ओर से निर्देश जारी किया था। उस समय गेल को दाहेज-उरान की 1,800 करोड़ रुपये की पाइपलाइन में एक विशेष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए यह निर्देश जारी किया था।

 

बिजली उत्पादक कंपनियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं विश्लेषकों का मानना है कि यदि सीआईएल ईंधन आपूर्ति करार को पूरा करने में सफल नहीं रहती है, तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सीआईएल का शेयर आज 0.65 प्रतिशत की बढ़त के साथ 342.75 रुपये पर बंद हुआ।  (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 3, 2012, 20:43

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