ईंधन कीमत पर विशेषज्ञ समिति का गठन हो: वीरप्‍पा मोइली

ईंधन कीमत पर विशेषज्ञ समिति का गठन हो: वीरप्‍पा मोइली

ईंधन कीमत पर विशेषज्ञ समिति का गठन हो: वीरप्‍पा मोइली नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय द्वारा पेट्रोल और डीजल कीमतों में बदलाव के जरिये सब्सिडी में भारी कटौती के कदम पर पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने चिंता जताई है। मोइली को आशंका है कि इससे पेट्रोलियम कंपनियों पर काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा। मोइली ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम से यह मामला एक विशेषज्ञ समिति को भेजने का आग्रह किया है।

वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम मंत्रालय को सूचित किया है कि ईंधन कीमतों का दाम इस प्रकार तय किया जाना चाहिए कि उसका निर्यात किया जा सके। अभी पेट्रोल और डीजल का दाम रिफाइनरी पर 2.5 प्रतिशत का सीमा शुल्क तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन भेजने के परिवहन शुल्क को जोड़कर तय किया जाता है।

वित्त मंत्रालय परिवहन तथा ढाई प्रतिशत का सीमा शुल्क समाप्त करना चाहता है। इसकी वजह यह है कि इससे पेट्रोलियम कंपनियां का नुकसान बढ़ रहा है और साथ ही सरकार को भी कोई बहुत ज्यादा राजस्व नहीं मिल पा रहा है। रिफाइनरी के मुहाने पर दाम और खुदरा दाम में अंतर पेट्रोलियम कंपनियों की अंडर रिकवरी यानी लागत से कम मूल्य पर ईंधन बिक्री से होने वाला नुकसान होता है। सरकार इस नुकसान की भरपाई बजट से करती है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि परिवहन तथा सीमा शुल्क को समाप्त किए जाने से उसका सब्सिडी पर खर्च कम होगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 27, 2013, 17:27

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