Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 11:55
नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने बुधवार को संकेत दिया कि सरकार तुरंत ईंधन की खुदरा कीमत नहीं बढ़ाएगी हालांकि रुपये में कमजोरी से तेल आयात की लागत बढ़ रही है। उन्होंने संसद भवन में कहा कि रुपये में कमजोरी ने प्राकृतिक रूप से अप्रत्याशित दिक्कतें पैदा कर दी हैं, इससे वित्त वर्ष 2011 में लागत के मुकाबले 1,32,000 करोड़ रुपये की वसूली कम होगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह हम घटनाक्रम के स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत और रुपये की स्थिति दोनों के लिहाज से उथल-पुथल है। इसलिए हम इस संबंध में फैसला लेने से पहले कुछ दिनों तक नजर रखेंगे। रुपया कल अमेरिकी डालर के मुकाबले 52.35 के निम्नतम स्तर पर बंद हुआ। भारतीय मुद्रा पिछले कुछ महीनों में 45.58 के स्तर से गिरी है, जिससे आयात मंहगा हो गया है। भारत की तेल की जरूरत का 79 फीसद हिस्सा आयात के जरिए पूरा होता है। रुपये की कमजोरी के बीच सरकारी तेल कंपनियों ने इस महीने पेट्रोल की कीमत 1.80 रुपये बढ़ाई थी, लेकिन बाद में वैश्विक स्तर पर गिरावट के बीच कीमत में 2.22 रुपए प्रति लीटर की कटौती भी की है।
कंपनियों को डीजल पर फिलहाल 10.17 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है, लेकिन रेड्डी ने कहा कि कीमत में संशोधन के लिए मंत्रिस्तरीय समिति की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। रेड्डी ने कहा कि घरेलू गैस, केरोसिन और डीजल जैसे संवेदनशील उत्पादों की कीमत पर नजर रखने के लिए अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले) की बैठक बुलाने का कोई फैसला नहीं किया गया है। तेल कंपनियों को केरोसिन पर 25.66 रुपये प्रति लीटर और घरेलू गैस पर 260.50 रुपये प्रति सिलिंडर का नुकसान हो रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 24, 2011, 17:49