‘ईंधन कीमतों में तुरंत वृद्धि की जरूरत’ - Zee News हिंदी

‘ईंधन कीमतों में तुरंत वृद्धि की जरूरत’



अमृतसर : पेट्रोलियम मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि रुपये में गिरावट की वजह से तेल आयात बिल बढ़ रहा है, ऐसे में ईंधन कीमतों में तत्काल वृद्धि की जरूरत है। हालांकि, मंत्री ने यह नहीं बताया कि कीमतों में बढ़ोतरी कब की जाएगी।

 

अस्गबत में तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन करार पर दस्तखत के लिए रवाना होने से पहले रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मूल्य वृद्धि बेहद जरूरी है, लेकिन हमें राजनीतिक दलों से बात करनी होगी। सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल मूल्य नियंत्रणमुक्त कर दिए थे। पेट्रोल के दाम में आखिरी बार बढ़ोतरी पिछले साल 4 नवंबर को की गई थी। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल के दाम में 14 फीसद इजाफा हुआ है, वहीं डालर की तुलना में रुपया सात फीसद कमजोर हुआ है। डीजल, मिट्टी तेल और रसोई गैस के दाम आखिरी बार पिछले साल जून में बढ़ाए गए थे।

 

रेड्डी ने बताया कि यदि डालर की तुलना में रुपया एक रुपये कमजोर होता है, तो पेट्रोलियम कंपनियों को सालाना 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। रुपया इस समय गिरकर 55 रुपये प्रति डालर पर आ गया है, जबकि पिछले साल यह 46 रुपये प्रति डालर पर चल रहा था। इस तरह रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों को 72,000 करोड़ रुपये का नुकसान बैठता है। रेड्डी ने कहा कि इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए कुछ करने की जरूरत है।

 

मैं यह नहीं कह सकता कि यह कब होगा या कैसे होगा। कीमत बढ़ाने या न बढ़ाने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को 31 मार्च, 2012 को समाप्त वित्त वर्ष में पेट्रोल की बिक्री पर 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। फिलहाल इन कंपनियांे को पेट्रोल की बिक्री पर प्रति लीटर 6.28 रुपये का घाटा हो रहा है। दिल्ली में 20 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) को जोड़ने के बाद पेट्रोल कीमत में 7.53 रुपये प्रति लीटर वृद्धि की जरूरत है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के एक अधिकारी ने कहा कि इस साल के पहले दो माह में तीनों तेल विपणन कंपनियों को 2,650 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

 

पेट्रोल कीमतों में आखिरी बार संशोधन पिछले साल एक दिसंबर को हुआ था। उस समय कीमतों में 65 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी। दिल्ली में पेट्रोल का दाम इस समय 65.64 रुपये प्रति लीटर है। घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैसोलिन के दामों के आधार पर बेंचमार्क की जाती हैं। उस समय कच्चे तेल का दाम 109.03 डालर प्रति बैरल था, जो आज 125 डालर प्रति बैरल पर है। उस समय रुपया औसतन 51.50 प्रति डालर था, जो आज 55 प्रति डालर से ऊपर पहुंच चुका है।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, May 22, 2012, 23:46

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