Last Updated: Thursday, May 10, 2012, 09:24
नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि ईरान पर उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम के कारण अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भारत उससे तेल के आयात के बारे में फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। लोकसभा में रेड्डी ने कहा कि हम किसी भी देश के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का सम्मान करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अन्य देशों द्वारा लगाया गया प्रतिबंध भारत पर लागू नहीं होता।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बासुदेव आयार्च ने जब यह पूछा कि क्या भारतीय तेल कम्पनियों ने वर्ष 2011 की तुलना में ईरान से तेल के आयात में कमी की है तो रेड्डी ने कहा कि हम ईरान से तेल का आयात कर रहे हैं। मांग के अनुरूप तेल आयात में कमी या बढ़ोत्तरी हो सकती है। यह तय करना कम्पनियों का काम है। इन चीजों पर सरकार नजर नहीं रखती। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की मात्रा तय करती हैं।
ईरान, भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है, लेकिन अमेरिका भारत पर लगातार दबाव बना रहा है कि वह इस्लामी गणराज्य से तेल आयात की मात्र में कमी करे ताकि उस पर उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर दबाव बनाया जा सके। मंत्री ने कहा कि भारत की सम्प्रभुता सर्वोच्च है और इसे किसी भी रूप में प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वैसे रेड्डी ने शुरुआत में आचार्य के सवाल पर सवाल उठाया और कहा कि वरिष्ठ सांसद का पूरा सम्मान करते हुए मैं कहना चाहता कि उनके पूरक प्रश्न का दायरा मूल प्रश्न रसोई गैस और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों तक सीमित होना चाहिए। मंत्री की यह टिप्पणी अमेरिकी कांग्रेस की उस रिपोर्ट के एक दिन बाद आई है जिसमें कहा गया है भारत ने ईरान से तेल आयात में महत्वपूर्ण रूप से कमी की है। वर्ष 2008 में वह कुल आयात 16 फीसदी तेल ईरान से खरीदता था लेकिन अब उसके आयात में ईरान की हिस्सादारी केवल 10 फीसदी है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 10, 2012, 14:54