`ईरान से तेल आयात बढ़ाने से होगी 8.5 अरब डॉलर की बचत`

`ईरान से तेल आयात बढ़ाने से होगी 8.5 अरब डॉलर की बचत`

नई दिल्ली : भारत की योजना ईरान से कच्चे तेल का आयात बढ़ाकर 8.5 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाने की है। पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में तेल आयात के लिए करीब 144.29 अरब डॉलर का भुगतान किया था। अब वह ईरान से तेल आयात बढ़ाने जा रहा है। ईरान से तेल आयात के लिए भारत रुपये में भुगतान करता है।

मोइली ने 30 अगस्त को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 20 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाने की योजना की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि शेष बचे वित्त वर्ष में ईरान से 1.1 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया जाएगा। उन्होंने लिखा है, अभी तक ईरान से लगभग 20 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया गया है। शेष बचे वित्त वर्ष में 1.1 करोड़ टन के अतिरिक्त आयात से करीब 8.47 अरब डॉलर (यदि कच्चे तेल के दाम को 105 डॉलर प्रति बैरल माना जाए तो) की विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

प्रधानमंत्री ने मंत्रालय से कहा था कि चालू खाते के घाटे को कम करने के लिए तेल आयात बिल में 25 अरब डॉलर की कटौती की जाए। मोइली ने इसी तरह का पत्र वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि कुछ पुख्ता उपायों से चालू वित्त वर्ष में 19 से 20 अरब डॉलर की बचत की जा सकती है।

इनमें से ईरान से तेल आयात फिर से शुरू करना शामिल है। चूंकि अमेरिका तथा पश्चिम के प्रतिबंधों की वजह से भुगतान के सभी मार्ग बंद हैं, ऐसे में भारत ईरानी तेल का भुगतान कोलकाता में यूको ब्रांच की शाखा के जरिये रुपये में करता है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 1, 2013, 14:13

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