Last Updated: Monday, September 17, 2012, 16:50
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को एक और खान - गौरांगडीह एबीसी - का आवंटन रद्द करने का फैसला किया है। यह खान संयुक्त रूप से जेएसडब्ल्यू स्टील और हिमाचल ईएमटीए को दी गई थी। इसके अलावा समयसीमा के भीतर खानों का विकास नहीं कर पाने की वजह से दो आवंटियों की बैंक गारंटियां भुनाने का भी फैसला किया है।
ऐसा अंतरमंत्रालयी समूह (आईएमजी) की सिफारिश के बाद किया गया है जो निजी कंपनियों को मिली 29 खानों की जांच कर रहा है जबकि कुल 58 खानों के विकास में देरी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और इनमें से कुछ का जिक्र कैग की रपट में किया गया है।
इस तरह सरकार ने पांच कोयला खानों का लाइसेंस का रद्द करने को मंजूरी दे दी जबकि आईएमजी ने कुल सात कोयला खानों का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने दोपहर अपराह्न होने वाली बैठक से पहले कहा ‘‘मैंने शुक्रवार को आईएमजी द्वारा की गई सिफारिश को मंजूरी दे दी और अन्य पर विचार किया जाएगा।’’ आइएमजी ने शुक्रवार को गौरांगडीह एबीसी खान का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की है। यह खान 2009 में जेएसडब्ल्यू स्टील और हिमाचल ईएमटीए को संयुक्त रूप से दी गई।
इस कोयला खान में 6.15 करोड़ टन कोयला भंडार होने की संभावना है जिसका उपयोग एक बिजली परियोजना के लिए किया जाएगा।
इस खान का उल्लेख कैग की रपट में भी किया गया है। सरकारी लेखा परीक्षक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थित इस खान के आवंटियों को 1,818 करोड़ रुपए तक का अनुचित फायदा हो सकता है।
इससे पहले 12 सितंबर को सरकार ने चार कोयला खानों - ब्रह्माडीह, चिनौर, वरोरा और लालगढ़ - का आवंटन रद्द कर दिया।
सरकार ने महाराष्ट्र में एक निजी कंपनी श्री वीरांगना स्टील्स को मिली मर्की मंगला - दो, तीन और चार खानों के संबंध में बैंक गारंटी भुनाने का आईएमजी का सुझाव स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा ओडिशा में उत्कल बी2 खान से जुड़ी बैंक गारंटी को भी भुनाने की सिफारिश भी स्वीकार कर ली गई। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 17, 2012, 16:50