एक महीने में प्याज की कीमतें 57% बढ़ीं

एक महीने में प्याज की कीमतें 57% बढ़ीं

एक महीने में प्याज की कीमतें 57% बढ़ींनई दिल्ली : प्याज की अधिक मांग के कारण इसके प्रमुख उत्पादक केन्द्र नासिक के थोक बाजार में पिछले एक महीने में इसकी कीमतें 57 प्रतिशत बढ़कर 22 रुपये प्रति किग्रा तक पहुंच गयी हैं। स्थिति से निपटने के लिए सरकार प्याज के निर्यात पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने या न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) व्यवस्था फिर लागू करने जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है। इस समय प्याज की कीमतें वहां पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले पांच गुना अधिक हैं।

देश के ज्यादातर खुदरा बाजारों में प्याज 35.40 रुपये प्रति किग्रा के भाव बिक रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बढ़ती घरेलू कीमतें चिंता का विषय हैं। सूत्रों ने बताया कि स्थिति के बारे में विचार करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर पर अंतर मंत्रालयीय बैठक हुई तथा प्याज का निर्यात रोकने के विकल्प पर भी विचार हुआ तकि घरेलू कीमतों पर अंकुश लग सके। बैठक में न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: को फिर से लगाने के बारे में भी चर्चा की गई। इससे पूर्व सरकार ने जून 2012 में निर्यात को बढ़ाने के लिए एमईपी को खत्म कर दिया था।


अधिकारी ने कहा कि नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) ने प्याज के थोक मूल्य में वृद्धि को अधिक मांग और उत्पादन की बढ़ी हुई लागत का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि प्याज की आवक पिछले वर्ष के स्तर पर ही है। अधिकारी ने कहा कि प्याज की घरेलू मांग में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि घरेलू उत्पादन महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में सूखे के बावजूद पिछले वर्ष के स्तर पर यानी 174 लाख टन होने की उम्मीद है।

इस सप्ताह के आरंभ में कृषि मंत्री शरद पवार ने प्याज कीमतों में वृद्धि को ‘थोड़ समय का मामला है’ बताया था। कल दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने पवार को पत्र लिखकर प्याज के निर्यात को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने को कहा था। प्याज को राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिंस माना जाता है।

एनएचआरडीएफ के आंकड़ों के अनुसार एशिया के विशालतम प्याज बाजार नासिक के लासालगांव में थोक बिक्री मूल्य आज 22 रुपये प्रति किग्रा था जो एक महीने पहले 14 रुपये प्रति किग्रा था। देश में महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात तीन शीर्ष प्याज उत्पादक राज्य हैं जहां सूखा पड़ा था। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 1, 2013, 23:14

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