Last Updated: Friday, June 14, 2013, 21:22
नई दिल्ली : विदेशी निवेश को मंजूरी देने वाला विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने 2058 करोड़ रुपये के जेट-एतिहाद सौदे पर फैसला शुक्रवार को टाल दिया। बोर्ड ने भारतीय विमानन कंपनी के नियंत्रण तथा मालिकाना हक के बारे में और स्पष्टीकरण मांगा है।
बैठक के बाद एफआईपीबी के अध्यक्ष और आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा कि जेट-एतिहाद के प्रस्ताव को टाल दिया गया है। हमें प्रभावी नियंत्रण और मालिकाना हक के बारे में और विस्तृत जानकारी की जरूरत है। बाजार नियामक सेबी तथा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) इस सौदे के बारे में जेट से पहले ही स्पष्टीकरण मांग चुके हैं। इन सबका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एतिहाद का जेट में मालिकाना हक नियमों के अनुसार कंपनी में 24 प्रतिशत इक्विटी पूंजी के बराबर ही हो।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ चिंताओं को उठाया है और दोनों विमानन कंपनियों से समझौते के कुछ हिस्से को संशोधित करने को कहा है। सिंह ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि समझौते में कोई बड़ी समस्या है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर जेट सूत्रों ने कहा कि वे पहले ही जरूरी स्पष्टीकरण दे चुके हैं।
यह अभी पता नहीं चल पाया है कि जेट-एतिहाद प्रस्ताव पर अब कब विचार किया जाएगा। एफआईपीबी से इसे मंजूरी मिलने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) के पास भेजा जाएगा। 1,200 करोड़ रुपये से अधिक के सभी सौदों पर अंतिम मंजूरी सीसीईए करती है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 14, 2013, 21:22