Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 22:03
कोच्चि : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार को कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीति को और अधिक अनुकूल, तार्किक एवं आसान बनाया गया है।
यहां ‘भारत की आर्थिक वृद्धि : व्यापक अवसर’ सत्र को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत वाली परियोजनाओं के लिए निवेश सीमा 600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,200 करोड़ रुपये की गई है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राष्ट्रीय निवेश दर 12वीं योजना के अंत तक करीब 33.34 प्रतिशत है और इसे बढ़ाकर 36 प्रतिशत पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने कहा कि बाजार का विविधीकरण करना भारत का रणनीतिक निर्णय था और देश ने अफ्रीका एवं अन्य पड़ोसी देशों में नए बाजार तलाशे हैं।
इस अवसर पर, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारत में बुनियादी सुविधाओं की कमी है और शहरी ढांचे में यह कमी ज्यादा है।
आज करीब 43 करोड़ लोग शहरों में रह रहे हैं और अगले दशक में इनकी संख्या बढ़कर 60 करोड़ पहुंच जाएगी। इसी तरह, इस समय, भारत में 53 शहर है और अगले दस साल में इनकी संख्या बढ़कर 72 पहुंच जाएगी जहां प्रत्येक शहर में 10 लाख लोग रह रहे होंगे। इसलिए ढांचागत विकास में तेजी लाने की जरूरत है।
सत्र में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा कि भारत को चालू खाता और राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
केरल के उद्योग मंत्री पीके कुन्हलीकुट्टी ने प्रवासी भारतीयों को राज्य में उपलब्ध निवेश के व्यापक अवसरों का दोहन करने की गुजारिश की।
इस मौके पर फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा कि भारत ने 2012 में विदेशों में रह रहे भारतीयों से 80 अरब डालर प्राप्त किया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 22:03