Last Updated: Thursday, November 22, 2012, 20:23
नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने संसद को दिलाया यह भरोसा तोड़ा नहीं है कि वह बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर आम सहमति बनाने की दिशा में कार्य करेगी।
मंत्री ने यह बात तब कही जब विपक्ष ने एफडीआई के मुद्दे पर नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग उठाई। इस नियम के तहत बहस के साथ मतदान कराने का प्रवधान है। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने यह दावा करते हुए कि सरकार ने एफडीआई पर झूठा वादा किया, शर्मा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया।
शर्मा ने पिछले वर्ष सात दिसम्बर को राज्यसभा में कहा था कि सरकार ने तय किया है कि बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दिए जाने का फैसला तब तक स्थगित रखा जाएगा जब तक विभिन्न हितधारकों के बीच आम सहमति नहीं बन जाती। उन्होंने बाद में सदन में स्पष्ट किया था कि हितधारकों में राज्यों के मुख्यमंत्री और राजनीतिक दल शामिल हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जो उस समय केंद्रीय वित्त मंत्री थे, उन्होंने भी लोकसभा में ऐसा ही बयान दिया था। शर्मा ने कहा कि आम सहमति का अर्थ प्रकाश करात (मार्क्स।वादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव) का और लालकृष्ण आडवाणी (वरिष्ठ भाजपा नेता) का अनुमोदन नहीं है। आम सहमति का मतलब एकमतता नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने संसद से किया वादा नहीं तोड़ा। यह कहना गलत है। शर्मा ने कहा कि सरकार ने कहा था कि वह खुदरा कारोबार में एफडीआई पर आम सहमति बनाने की दिशा में कार्य करेगी और उस दिशा में कार्य किया गया।
मंत्री ने कहा कि इस वर्ष सितम्बर में बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दिए जाने का जो फैसला लिया गया, सरकार उसके बार में संसद के दोनों सदनों को अवगत कराएगी। शर्मा ने कहा, "संसद की बैठकें होने लगी हैं। अब हम सदन को जानकारी देंगे। भाजपा और वाम दलों के सदस्य हालांकि एफडीआई के मुद्दे पर नियम 184 के तहत बहस कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।
भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने गुरुवार को सरकार पर `संसद को अंधकार में रखने` का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को मत विभाजन के नियम के तहत मुद्दे पर चर्चा कराने की बात मान लेनी चाहिए। नायडू ने सवाल किया, सरकार क्यों हिचकिचा रही है, जब उसके पास बहुमत नहीं है? (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 22, 2012, 20:23