एम वैस का बाजार 48,200 करोड़ होने का अनुमान - Zee News हिंदी

एम वैस का बाजार 48,200 करोड़ होने का अनुमान








नई दिल्ली : देश में 3जी सेवा के विस्तार के साथ मोबाइल मूल्य वर्धित सेवाओं का बाजार में 2015 तक बढ़कर 48,200 करोड़ रुपये का हो जाने का अनुमान है।

 

परामर्श कंपनी केपीएमजी के अनुसार, एम वैस का बाजार 2010 में 12,200 करोड़ रुपये था जो 2015 तक बढ़कर 48,200 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इसका कारण 3जी सेवा का विस्तार है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है। दूरसंचार नियामक ट्राई के अनुसार अक्तूबर 2011 तक देश में मोबाइल ग्राहकों की संख्या 88.14 करोड़ थी जबकि कुल टेली घनत्व 76.03 प्रतिशत था।

 

रिपोर्ट के अनुसार, टेली घनत्व में मजबूत वृद्धि के बावजूद भारतीय दूरसंचार बाजार अभी स्थिर अवस्था में नहीं पहुंचा है। देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी गुणवत्तायुक्त सेवाओं का अभाव है। ऐसे में वृद्धि के लिये पर्याप्त मौके हैं।

 

केपीएमजी ने कहा कि मोबाइल बैंकिंग ऐसा क्षेत्र हैं जहां विकास की काफी संभावनाएं हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा, प्रशासन, शिक्षा, कृषि सेवा तथा स्थान आधारित सेवाएं शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मोबाइल बाजार में अभी भी बातचीत के लिए ज्यादा उपयोग होता है। कुल राजस्व में डेटा आय की हिस्सेदारी मार्च 2011 तक 15 प्रतिशत थी जबकि चीन तथा ब्रिटेन में 30 प्रतिशत तक है।  (एजेंसी)

First Published: Monday, December 12, 2011, 00:29

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