Last Updated: Thursday, November 10, 2011, 11:35
मालदीव: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में एक नया अध्याय शुरू करने का समय आ गया है और भारत उसके साथ वरीयता के साथ व्यापार का समझौता करना चाहेगा।
सिंह ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बात ऐसे समय कही है जबकि हाल में पाकिस्तान ने भारत को व्यापार में सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा देने का निर्णय किया है। इसके तहत पाकिस्तान में भारत से वस्तुओं का आयात उन्हीं शर्तों पर किया जा सकेगा जिस शर्त पर अन्य देशों के साथ किया जाता है।
यहां दक्षेस शिखर सम्मेलन के मौके पर मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की आज अलग से एक घंटे की बैठक हुई। बैठक में दोनों नेताओं ने एक दूसरे के नागरिकों को अपने यहां आने जाने का वीजा जारी करने की उदार व्यवस्था जल्द लागू करने का फैसला किया।
दोनों ने भारत-पाक संयुक्त आयोग को फिर से शुरू करने की सहमति जताई। यह आयोग 2005 से ठप है।
पिछले तीन बरस में दोनों नेताओं की कई मुलाकात हो चुकी है और पिछले 18 माह में यह दोनों गुरुवारको तीसरी बार एक दूसरे से मिले।
सिंह और गिलानी ने इस तीसरी बैठक में द्विपक्षीय संपर्कों को एक नए स्तर पर ले जाने का फैसला किया है। 2010 में थिम्पू में हुए दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने आपसी मुलाकात में द्विपक्षीय वार्ता को फिर शुरू करने का फैसला किया था।
व्यापारिक और आर्थिक संबंधों के दौर में दोनों प्रधानमंत्री इस बात के लिए सहमत हैं कि दोनों देशों के व्यापार के सामान्यीकरण की प्रक्रिया को नतीजे तक पहुंचाया जाए।
दोनों देशों के बीच व्यापार एमएफएन के आधार पर होगा और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देश साफ्टा के तहत व्यापार की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए आगे बढ़ेंगे।
सिंह-गिलानी मुलाकात के बाद विदेश सचिव रंजन मथाई ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों प्रधानमंत्रियों की राय में दोनों पड़ोसी देशों के बीच जिस उदार वीजा प्रणाली पर बातचीत चल रही है उसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाना चाहिए।
पाकिस्तान ने हाल में भारत को व्यापार में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने का फैसला किया है। भारत उसे 16 साल पहले ही एमएफएन का दर्जा दे चुका है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 10, 2011, 17:22