Last Updated: Friday, March 16, 2012, 14:03
नई दिल्ली : सरकार ने सिडबी के साथ मिलकर 5,000 करोड़ रुपये के उद्यम फंड की स्थापना का प्रस्ताव किया है ताकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को इक्विटी मुहैया कराई जा सके। वित्त वर्ष 2012-13 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए इक्विटी उपलब्धता बढ़ाने के लिए मैं सिडबी के साथ 5,000 करोड़ रुपये के इंडिया अपाच्यरुनिटी वेंचर फंड (भारत अवसर उद्यम फंड) की स्थापना का प्रस्ताव करता हूं। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उपक्रम देश की अर्थव्यवस्था के मूल अंग हैं और वे धन जुटाने के लिए मुख्य तौर पर बैंकों और अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र कम लागत वाले स्वास्थ्य उपकरणों के उत्पाद के लिए अच्छा विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए मैं मूल सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 फीसद करने का प्रस्ताव करता हूं। कुछ डिस्पोजेबल और अन्य उपकरणों के विनिर्माण के लिए आवश्यक कुछ अंग, कल-पुर्जे और कच्चे माल पर छह फीसदीर रियायती सीवीडी लगेगा। उन्होंने कोरोनरी स्टेंट और हृदय के वाल्व के विनिर्माण के लिए विशिष्ट कच्चे माल के लिए सीमा शुल्क और सीवीडी पर पूरी छूट दी है। हालांकि ये रियायतें उपयोगकर्ताओं की स्थिति पर निर्भर करेगी।
एमएसएमई क्षेत्र का देश के कुल विनिर्माण उत्पादन में 45 फीसदी और निर्यात में 40 फीसदी योगदान है। इस क्षेत्र में छह करोड़ लोग काम करते हैं। इस क्षेत्र का लगभग 95 फीसदी हिस्सा असंगठित है और बैंक आम तौर पर इन्हें ऋण देने से बचना चाहते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 16, 2012, 19:33