`एयर इंडिया का आंशिक निजीकरण जरूरी`

`एयर इंडिया का आंशिक निजीकरण जरूरी`

`एयर इंडिया का आंशिक निजीकरण जरूरी`कोलकाता : घाटे में चल रही राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया का आंशिक रूप से निजीकरण किया जाना चाहिए। कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा कराए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के निवेशक कंपनी के मुनाफे को अधिकतम करने का प्रयास करेंगे और साथ ही वे उसकी परिचालन संबंधी समस्याओं को भी हल करने का प्रयास करेंगे।

भारतीय कंपनी मामलों के संस्थान (आईआईसीए) की अध्ययन रिपोर्ट ‘नागरिक उड्डयन क्षेत्र का प्रतिस्पर्धा ढांचा’ में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के निवेशकों तथा एयरलाइन के परिचालन के लिए पूंजी लाने से एयर इंडिया के कुछ परिचालनगत मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी। वहीं सरकारी धन का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए हो सकेगा। हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने हाल में एयर इंडिया के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है, क्योंकि सरकार एयरलाइन के पुनर्गठन के लिए 30,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाल रही है।

आईआईसीए ने विमानन क्षेत्र के प्रतिस्पर्धा संबंधी मुद्दों के विश्लेषण के लिए नाथन इंडिया को सलाहकार नियुक्त किया था।रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर कारपोरेशन एक्ट 1953 के कानूनी ढांचे के अनुसार सरकार राष्ट्रीय एयरलाइन को पूंजीगत खर्च के लिए धन उपलब्ध करा सकती है और साथ ही संभावित राहत पैकेज भी दे सकती है।

हालांकि, इस नियमन की वजह से एयर इंडिया को अनुचित लाभ मिलता है। यह कानून सरकारी कोष या संभावित राहत पैकेज के मामले में प्रतिस्पर्धी दृष्टि से निष्पक्ष नहीं है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस नियमन में प्रावधान है कि यातायात के अधिकार के लिए एयर इंडिया द्वारा दी गई परिचालन योजना पर पहले विचार किया जाएगा और उसके बाद ही अन्य पात्र दावेदारांे पर विचार होगा। यह भी प्रतिस्पर्धा रोधक है।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि क्षेत्र के नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को अंतररराष्ट्रीय रूट आवंटन मामले में एयर इंडिया को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति छोड़नी चाहिए, जिससे निजी क्षेत्र की एयरलाइंस को भी एयर इंडिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति होगी। इसमें कहा गया है कि एयर इंडिया को इस मामले में प्राथमिकता वापस लिए जाने से अन्य भारतीय विमानन कंपनियों को भी वैश्विक गंतव्यांे पर अपनी सेवाú के विस्तार में मदद मिलेगी।

First Published: Sunday, September 30, 2012, 13:59

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