Last Updated: Thursday, March 7, 2013, 22:15

नई दिल्ली : एयर एशिया मामले में विदेशी निवेश की प्रक्रिया संबंधी चिंताओं को खारिज करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने नीति की गहराई से समीक्षा के बाद ही इस मामले को मंजूरी दी है।
शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आपको प्रेस नोट को साफ साफ पढ़ना चाहिए। यह नागरिक उड्डयन क्षेत्र में किसी मौजूदा एयरलाइन या किसी कंपनी की पूंजी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। मुझे पूरा यकीन है कि एफआईपीबी ने यह फैसला नीति की गहराई और पूरी सोचसमझ के बाद लिया है।
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड ने कल मलेशिया की बजट एयरलाइन एयरएशिया के भारत में टाटा संस के साथ मिलकर एयरलाइन शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एफआईपीबी की मंजूरी के तुरंत बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमानन क्षेत्र में एफडीआई नीति को और स्पष्ट करने की मांग की। विशेषकर मंत्रालय जानना चाहता है कि क्या कोई विदेशी एयरलाइन किसी नए उद्यम में निवेश कर सकती है।
एयरएशिया ने टाटा संस और टेलेस्ट्रा ट्रेडप्लेस के साथ मिलकर 49:30:21 की हिस्सेदारी के संयुक्त उद्यम की घोषणा की है। एयरएशिया की अगुवाई वाले इस संयुक्त उद्यम में शुरुआती निवेश 80 करोड़ रुपये का होगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 7, 2013, 22:15