Last Updated: Friday, March 29, 2013, 13:16

नई दिल्ली : सरकारी क्षेत्र की विमानन सेवा कंपनी एयरइंडिया के कामकाज में सुधार के सुझाव देने के लिए गठित ढोलकिया समिति ने इसकी परिचालन लागत कम करने तथा उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की सिफारिश की है।
समिति का सुझाव है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस एयरलाइन को वैश्विक स्तर पर एयरलाइनों द्वारा अपनाए जा रहे मानकों को अपनाकर उंची परिचालन लागत को घटना चाहिए और बचत बढानी चाहिए। समिति ने एयरइंडिया के कामकाज में सुधार के लिए अपनी रपट में 46 बड़े सुझाव दिए हैं।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने यह रपट प्राप्त करने के बाद गुरुवार को कहा कि यह काम की रपट है। इससे एयरइंडिया को लाभ में लाने और इसके पुनर्गठन की योजना को लागू करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि इस समिति की सिफारिशें एयरलाइन के वित्तीय स्वास्थ्य की दृष्टि से दूरगामी महत्व की हैं।
यह पूछे जाने पर कि इस सिफारिशों को लागू कैसे किया जाएगा, मंत्री ने कहा कि हमें इस रपट की पहले विस्तृत समीक्षा करनी होगी। ज्यादातर सिफारिशों पर निर्णय एयरलाइन के निदेशकमंडल को ही करना होगा।
पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद के प्रो रविंद्र एच ढोलकिया ने की। इसका गठन जनवरी में किया गया था।
समझा जाता है कि समिति ने जापान एयरलाइन, मलेशिया एयरलाइन और इंडोनेशिया की गरुण एयरलाइन जैसी कंपनियों के कामकाज के तरीकों का अध्ययन करने के बाद एयरइंडिया की लागत घटाने के बारे में सिफारिश की है। इसने इंडियन एयरलाइन के खचरें का अध्ययन करने के बाद व्यवस्था में उन दरारों की ओर उंगली उठाई है जिनके कारण संसाधनों का अपव्यय हो रहा है। समिति ने कमजोरियों को दूर करने के उपाय सुझाए हैं।
इसने मानव संसाधन के इस्तेमाल के मामले में जापान एयरलाइन जैसी विमानन कंपनियों का अध्ययन किया कि किस तरह उन्होंने कर्मचारियों की संख्या घटाकर अपने आप को वित्तीय दलदल से उबार लिया।
समिति ने इर्ंधन में किफायत और इन्वेंटरी (सामान का स्टाक) प्रबंध के बारे में भी सिफारिश की है। एयरलाइन का 40 प्रतिशत खर्च ईंधन का है।
सिंह ने कहा कि इंडियन एयरलाइन का कामकाज सुधर रहा है और इस वित्तवर्ष यह नकद लाभ (परिचालन लाभ) की स्थिति में हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस कंपनी की पूरी कार्यसंस्कृति में बदलाव किया जा रहा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 29, 2013, 13:16