Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 00:20
नई दिल्ली : दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट ने दूरसंचार विभाग द्वारा भारती एयरटेल पर मध्य प्रदेश सर्किल में कालर लाइन पहचान कथित तौर पर छिपाने को लेकर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने को आज खारिज कर दिया। न्यायाधिकरण ने कहा कि मामले में निजी कंपनी को अपना पक्ष रखने की अनुमति मिलनी चाहिए।
हालांकि, टीडीसैट के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस बी सिन्हा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि पूरे मामले में एयरटेल की भूमिका पाक साफ नहीं है। दूरसंचार विभाग को एयरटेल से लिये गये 50 करोड़ रुपया बिना ब्याज लौटाने का निर्देश देते हुए टीडीसैट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि मामले में एयरटेल की भूमिका दागरहित नहीं है लेकिन फिर भी दूरसंचार विभाग की मांग को उचित नहीं ठहराया जा सकता। अगर दूरसंचार विभाग चार सप्ताह में राशि नहीं लौटाता है तो उसे 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा।
न्यायाधिकरण ने कहा, यह जरूरी है कि मामले में एयरटेल को अपना पक्ष दूरसंचार विभाग के समक्ष रखने का मौका मिले। एयरटेल ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी लागू होने के बाद दूसरी मोबाइल दूरसंचार कपंनियों के ग्राहकों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिये इंदौर में काल सेंटर स्थापित किया। आर्डर दस्तावेज के अनुसार, जब कॉल किया जाता था, तो मोबाइल पर कॉल करने वाली पार्टी के बजाय, जिस पार्टी को कॉल किया जाता उसकी का नंबर दिखता। इस बारे में बीएसएनएल के एक ग्राहक की शिकायत पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने इसे दूरसंचार विभाग को भेजा। उस के बाद दूरसंचार विभाग ने कंपनी पर जुर्माना लगाया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 00:20