Last Updated: Wednesday, November 9, 2011, 14:55
मुंबई : देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 30 सितंबर, 2011 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में अपने एकल शुद्ध लाभ में मामूली 12.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 2,810.43 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया। एसबीआई का ‘वसूल नहीं हो रही किश्तों’ का अनुपात बढ़ने से बैंक के शेयर में सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक को एकल आधार पर 2,501.37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
हालांकि, तिमाही के दौरान एसबीआई का एकीकृत मुनाफा 48.60 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,470.43 करोड़ रुपये रहा, जो बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,363.95 करोड़ रुपये था। सितंबर तिमाही के अंत तक बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर कुल परिसंपत्तियों का 4.19 प्रतिशत हो गईं, जो एक साल पहले 3.38 फीसदी पर थीं।
एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमें परिसंपत्ति की गुणवत्ता पर दबाव दिखाई दे रहा है। दबाव के मद्देनजर सकल एनपीए के और बढ़ने के आसार हैं। दो तिमाहियों के बाद एसबीआई के मुनाफे में इजाफा हुआ है। हालांकि, उसका प्रदर्शन निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई बैंक से कमजोर रहा है। तिमाही के दौरान आईसीआईसीआई बैंक का शुद्ध लाभ 22 फीसदी बढ़ा है।
तिमाही के अंत तक एसबीआई का खराब कर्ज के लिए प्रावधान 21 प्रतिशत बढ़कर 4,664 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नतीजों की घोषणा के बाद बंबई शेयर बाजार में बैंक का शेयर 6.76 प्रतिशत के नुकसान के साथ 1,862.50 रुपये का रह गया। अन्य कारणों के अलावा रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारतीय बैंकों का परिदृश्य घटाने से भी देश के सबसे बड़े बैंक के शेयरों पर पड़ा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 9, 2011, 20:25