Last Updated: Tuesday, March 12, 2013, 20:28
नई दिल्ली : भारतीय उद्योग जगत ने औद्योगिक उत्पादन की मौजूदा स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जनवरी 2013 में औद्योगिक उत्पादन में 2.4 फीसदी की वृद्धि पिछले साल इस दौरान रहे काफी निम्न स्तर के उपर हासिल की गई है।
उद्योग मंडल फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा कि औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि औद्योगिक उत्पादन में 2.5 फीसदी की वृद्धि निम्न स्तर पर है। विनिर्माण क्षेत्र के आधे खंड में उत्पादन कम हुआ है और निकट भविष्य में इस क्षेत्र में निरंतर वृद्धि दर्ज नहीं हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि विनिर्माण और बिजली उत्पादन बढ़ने के मद्देनजर औद्योगिक उत्पादन जनवरी में 2.4 फीसद बढ़ा। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक :आईआईपी: के आधार पर आकलित विनिर्माण उत्पादन जनवरी 2012 में एक फीसद बढ़ा। सूचकांक में 75 फीसद का योगदान करने वाले विनिर्माण क्षेत्र के 22 में से 11 समूह के उत्पादन में ही वृद्धि दर्ज हुई है।
सीआईआई के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में सुधार के संकेत हैं लेकिन अभी यह कहना बहुत जल्दी होगा कि नरमी का दौर खत्म हो गया।
ऐसोचैम ने भी कहा कि जनवरी का औद्योगिक उत्पादन का आंकड़ा उम्मीद से बेहतर है लेकिन भारतीय उद्योग अभी परेशानी से बाहर नहीं निकला है।
किदवई ने कहा ‘‘मौद्रिक नीति की आगामी समीक्षा में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती से निवेश में मदद मिल सकती है।’’ इससे टिकाउ उपभोक्ता उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी। इस क्षेत्र के उत्पादन में पिछले दो महीने से लगातार कमी दर्ज हो रही है।
बाजार विश्लेषक एंजेल ब्रोकिंग की अर्थशास्त्री भूपाली गुरसाले ने कहा औद्योगिक उत्पादन में सुधार का श्रेय विनिर्माण और बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी को दिया जा सकता है। लेकिन पूंजीगत उत्पादों के उत्पादन में लगातार तीसरे महीने कमी बरकरार रहने से स्पष्ट है कि निवेश चक्र में नरमी बरकरार है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 12, 2013, 20:28