Last Updated: Friday, January 11, 2013, 21:11

नई दिल्ली : देश का औद्योगिक उत्पादन नवम्बर 2012 में साल दर साल आधार पर 0.1 फीसदी कम दर्ज किया गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस गिरावट में विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्र में उत्पादन में गिरावट का प्रमुख योगदान रहा।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन विकास दर नवम्बर 2011 में छह फीसदी थी। अक्टूबर 2012 में यह 8.2 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।
अप्रैल-नवम्बर अवधि में औसत औद्योगिक उत्पादन विकास दर एक फीसदी रही, जो पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 3.8 फीसदी थी।
ताजा आंकड़े का असर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस माह के आखिर में तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा पर पड़ सकता है।
18 दिसम्बर 2012 की बैठक में रिजर्व बैंक ने मुख्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रिजर्व बैंक ने हालांकि संकेत दिया था कि जनवरी में दरों में कटौती हो सकती है, क्योंकि बैंक ने कहा था कि महंगाई दर में कमी दर्ज की जा रही है और अब उसका ध्यान विकास दर बढ़ाने पर होगा। जल्दी ही महंगाई दर से सम्बंधित दिसम्बर के आंकड़े भी आने वाले हैं।
नवम्बर में महंगाई दर 7.24 फीसदी थी, जो इससे पहले के 10 माह का निचला स्तर था। खाद्य महंगाई दर हालांकि नवम्बर 2011 के 8.32 फीसदी बढ़कर 8.50 फीसदी दर्ज की गई थी, जो रिजर्व बैंक के लिए चिंता का सबब हो सकता है।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने नवम्बर में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के बारे में कहा कि यह सांख्यिकी कारणों से हुआ और सरकार द्वारा किए जा रहे सुधार से विकास में तेजी आएगी।
अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘यह आंकड़ा इस विचार के प्रतिकूल नहीं है कि अर्थव्यवस्था ने निचला स्तर छू लिया है। अब इसे ऊपर जाने की जरूरत है। आपको दिसम्बर के आंकड़े का इंतजार करना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘खास तौर से इस मामले में हमें यह ध्यान रखना होगा कि बेस प्रभाव ने दो अलग अलग तरीके से काम किया है। इस आंकड़े को लेकर आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए।’
औद्योगिक उत्पादन में 76 फीसदी योगदान करने वाले विनिर्माण क्षेत्र में आलोच्य अवधि में साल दर साल आधार पर 0.3 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। 2011 की समान अवधि में इसमें 6.6 फीसदी विकास रहा था।
अप्रैल से नवम्बर 2012 की अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में औसत एक फीसदी वृद्धि रही, जबकि 2011 की समान अवधि में 4.2 फीसदी विकास हुआ था।
आईआईपी में 10.32 फीसदी योगदान करने वाले खनन क्षेत्र में आलोच्य अवधि में 5.5 फीसदी गिरावट रही, जिसमें 2011 की समान अवधि में भी 3.5 फीसदी गिरावट रही थी।
आलोच्य अवधि में बिजली क्षेत्र में 2.4 फीसदी विकास हुआ, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में विकास दर 14.6 फीसदी थी।
क्षेत्रवार ढंग से देखा जाए, तो समाचार पत्र में 22.7 फीसदी गिरावट रही। फर्नेस तेल में 28.00 फीसदी, पीवीसी पाईप और ट्यूब क्षेत्र में 33.1 फीसदी, ग्राइंडिंग व्हील में 43.7 फीसदी, एयर कंडीशनर्स में 36.6 फीसदी, ट्रैक्टर में 20.5 फीसदी, ड्रिलिंग उपकरण क्षेत्र में 57.7 फीसदी, प्लास्टिक मशीनरी में 40.4 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों में 28.3 फीसदी गिरावट रही।
विकास दर्ज करने वाले क्षेत्र रहे चावल (21.3 फीसदी), सूत के धागे (21.9 फीसदी), एंटीबायोटिक्स (28.4 फीसदी), कार्बन स्टील (18.8 फीसदी), स्टेनलेस/अलॉय स्टील (19.7 फीसदी) और मोबाइल फोन तथा सहायक सामग्री जैसे दूरसंचार उपकरण (18.1 फीसदी)। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 11, 2013, 21:11