औद्योगिक विकास दर धड़ाम, गिरकर 5.1 फीसदी - Zee News हिंदी

औद्योगिक विकास दर धड़ाम, गिरकर 5.1 फीसदी

नई दिल्ली: विनिर्माण, खनन और पूंजीगत सामान क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट के चलते देश का औद्योगिक उत्पादन अक्तूबर महीने में 5.1 प्रतिशत घट गया। औद्योगिक उत्पादन में शामिल करीब करीब सभी क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई। पिछले कुछ महीनों से औद्योगिक क्षेत्र में लगातार नरमी का रुख बना हुआ है।

 

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले साल अक्तूबर में जहां 11.3 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि दर्ज की गई थी वहीं इस साल अक्तूबर में इसमें 5.1 प्रतिशत की गिरावट आ गई।

 

सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़े के मुताबिक इस साल अप्रैल से अक्तूबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 3.5 फीसद वृद्धि रही है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में इसमें 8.7 फीसद वृद्धि रही थी।

 

विनिर्माण क्षेत्र जिसका औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान है, में अक्तूबर माह के दौरान छह प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अक्तूबर 2010 में इस क्षेत्र में 12.3 फीसद वृद्धि हुई थी।

 

खनन उत्पादन में भी गिरावट बनी हुई है। इस साल अक्तूबर में यह 7.2 फीसद घट गया जबकि पिछले साल इसी महीने में 6.1 फीसद बढ़ा था। समीक्षाधीन अवधि में पूंजीगत सामानों के उत्पादन में भी 25.5 फीसद गिरावट रही। हालांकि, पिछले साल अक्तूबर माह में इस क्षेत्र में 21.1 फीसद वृद्धि दर्ज की गई थी।

 

इसके बाद टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 0.3 फीसद घटा जो पिछले साल अक्तूबर में 14.2 फीसद बढ़ा था। अक्तूबर महीने में गैर टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 1.3 फीसद गिरा। पिछले साल अक्तूबर में इस खंड में पांच फीसद की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सुस्ती, यूरो क्षेत्र और अमरीकी अर्थव्यवस्था की मंदी से देश के निर्यात पर असर पड़ा है जिसके
विशेषज्ञों ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन के ताजा आंकड़ों से स्पष्ट है कि अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर जारी है।
पिछले सप्ताह सरकार ने अर्थव्यवस्था की वृद्धि का अनुमान संशोधित कर 7.5 फीसद कर दिया जो बजट पूर्व सर्वेक्षण में करीब नौ फीसद था।

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सितंबर 2011 को समाप्त तिमाही में 6.9 फीसद रही थी जो पिछली नौ तिमाहियों की सबसे निम्नतम दर है।

भारतीय उद्योग ने बढ़ती ब्याज दरों को नरमी के लिए जिम्मेदार ठहराया। ब्याज दरें बढ़ने से कर्ज लेना मंहगा हुआ और ताजा निवेश में बाधा पहुंची।

रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए 13 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। सकल मुद्रास्फीति पिछले साल दिसंबर से नौ फीसद से उपर के दायरे में है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 13, 2011, 13:13

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