औद्योगिक विकास दर बढ़ने की उम्मीद - Zee News हिंदी

औद्योगिक विकास दर बढ़ने की उम्मीद




नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश किए गए 2011-12 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में औद्योगिक विकास दर चार से पांच प्रतिशत के बीच रहने की सम्भावना है। सर्वेक्षण के अनुसार इस दर से हासिल होने वाली विकास दर हाल के वर्षो में हासिल विकास दरों से कम होगी और अनुमानित विकास दर से तो बहुत ही कम होगी।

 

सर्वेक्षण में कहा गया है कि व्यापारिक उतार चढ़ाव को सम्भालना, उत्पादक गतिविधियों में निवेश बढ़ाना और सम्भावित बाधाओं की पहचान करना इस क्षेत्र की अल्पकालिक चुनौतियां हैं। लगातार बढ़ रही मुद्रास्फीति, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में वस्तुओं की कीमतों में बदलाव और हाल के महीनों में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के उत्पादन परिणामों में सुधार के साथ ही घरेलू औद्योगिक क्षेत्र के अगले वित्त वर्ष में फिर से ऊपर उठने की उम्मीद है।

सर्वेक्षण के अनुसार, 1991-92 और 2011-12 की सुधारोत्तर अविध में खनन, विनिर्माण और विद्युत जैसे उद्योगों की दीर्घकालिक वार्षिक वृद्धि सामान्य तौर पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संगत रही है। जीडीपी में जहां 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं उपरोक्त उद्योगों में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान उद्योग (निर्माण सहित) और विनिर्माण क्षेत्र की जीडीपी में हिस्सेदारी क्रमश: 28 प्रतिशत और 14 से 16 प्रतिशत पर स्थिर रही।

समग्र रोजगार में हालांकि उद्योगों की हिस्सेदारी 1999-2000 के 16.2 प्रतिशत से बढ़कर 2009-10 में 21.9 प्रतिशत हो गई। ऐसा निर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर 1999-2000 के 175 लाख से बढ़कर 2009-10 में 442 लाख हो जाने के कारण हुआ।

सर्वेक्षण में इस तथ्य को भी रेखांकित किया गया है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के रूप में औद्योगिक विकास दर 2011 के अप्रैल से दिसंबर के बीच 3.6 प्रतिशत रही, जो 2010 में इसी अविध में 8.3 प्रतिशत थी।

 

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा गुरुवार को लोकसभा में 2011-12 के लिए प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार अप्रैल 2011 से जनवरी 2012 के दौरान देश का कुल निर्यात 23.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 242.8 अरब डॉलर रहा। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सामाजिक कार्यक्रमों में सरकारी मदद विभिन्न रूपों में बढ़ी है, जबकि अधिकांश सामाजिक क्षेत्र राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। सामाजिक सेवाओं पर खर्च 2006-7 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.57 प्रतिशत से बढ़कर 2010-11 में 7.34 प्रतिशत हो गया।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, March 15, 2012, 21:04

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