Last Updated: Sunday, March 17, 2013, 19:34

नई दिल्ली : सरकार ने सीडीएमए दूरसंचार ऑपरेटरों को एक सीमा से परे स्पेक्ट्रम रखने के लिए करीब 3,033 करोड़ रुपये का एकमुश्त शुल्क भुगतान करने को कहा है।
दूरसंचार विभाग ने कहा, ‘800 मेगाहट्र्ज बैंड में 2.5 मेगाहट्र्ज से उपर सीडीएमए स्पेक्ट्रम रखने के लिए एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क 01-01-2013 से लागू होगा।’
विभाग के आदेश के मुताबिक, ये शुल्क शेष लाइसेंस अवधि के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम पर लगाया जाएगा और जो आपरेटर यह शुल्क भुगतान करने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें 2.5 मेगाहर्ट्स से परे स्पेक्ट्रम वापस करने की अनुमति दी जाएगी।
दूरसंचार विभाग ने प्रत्येक मेगाहट्र्ज के लिए जो दरें तय की हैं वह 11 मार्च को हुई नीलामी में तय किए गए आरक्षित मूल्य पर आधारित है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सभी सीडीएमए आपरेटरों पर एकमुश्त शुल्क की कुल राशि करीब 3,033 करोड़ रुपये बैठती है।
दूरसंचार आपरेटरों को इन शुल्कों का समान वाषिर्क किस्तों में भुगतान करने का विकल्प होगा। उल्लेखनीय है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस, टाटा टेलीसर्विसेज, सिस्तेमा श्याम, बीएसएनएल और एमटीएनएल के पास 2.5 मेगाहट्र्ज से परे स्पेक्ट्रम है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 17, 2013, 19:34