कजाकिस्तान में भारत का नुकसान बना चीन का फायदा

कजाकिस्तान में भारत का नुकसान बना चीन का फायदा

नई दिल्ली : कजाकिस्तान ने ओएनजीसी विदेश लि. (ओवीएल) के 5 अरब डॉलर के सौदे को रोकने के बाद काशगन तेल क्षेत्र की 8.4 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की कंपनी चाइना नेशनल पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीएनपीसी) को दे दी है। पेट्रोलियम उद्योग के सूत्रों ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की उर्जा के धनी इस मध्य एशियाई देश की यात्रा के दौरान काशगन अपतटीय तेल क्षेत्र की हिस्सेदारी चीनी कंपनी को देने के करार पर कल हस्ताक्षर किए गए। ओवीएल ने पिछले साल कैस्पियन सागर में काशगन तेल क्षेत्र में अमेरिकी कंपनी कोनोको फिलिप्स की 8.4 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए करार किया था।

हालांकि, परियोजना के भागीदारों ने सौदे को मंजूरी दे दी थी, लेकिन कजाकिस्तान ने इस साल जुलाई में पहले बोली लगाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कोनोकोफिलिप्स की 8.4 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली। कजाकिस्तान सरकार के प्रतिनिधि के रूप में वहां की राष्ट्रीय गैस एवं तेल उत्पादक काजमुनेईगैस ने यह हिस्सेदारी खरीदी। यह खरीद उसी मूल्य पर की गई जिस पर ओवीएल तथा कोनोकोफिलिप्स के बीच सहमति बनी थी। काजमुनेईगैस ने कल यह हिस्सेदारी करीब 5 अरब डॉलर में बेचने के लिए सीएनपीसी के साथ करार किया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 8, 2013, 15:47

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