Last Updated: Monday, April 23, 2012, 11:21
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से खाद्य और कपड़ा मंत्रालयों की किसान विरोधी नीति की शिकायत करने के बाद सोमवार को कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि सरकार में इन मुद्दों पर किसी तरह का मतभेद नहीं है। पवार ने संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या निर्यात नीति पर उनके विचारों को गंभीरता से नहीं लिया गया है, कहा, इस तरह की कोई बात नहीं है।
चीनी के अधिक निर्यात का फैसला हो चुका है। इस सभी मुद्दों पर फैसला एक साथ होता है। किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है और न ही किसी को घेरने की कोशिश की जा रही है। पवार ने हाल में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि खाद्य और कपड़ा मंत्रालयों द्वारा किसान विरोधी नीतियां अपनाई जा रही हैं। खासकर कपास और चीनी निर्यात के मामले में। कृषि मंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री द्वारा अगले सप्ताह बुलाई गई बैठक में विचार विमर्श होगा।
इन नीतियों को प्रतिगामी बताते हुए पवार ने कहा था कि कपड़ा उद्यमियों के हितों के लिए छोटे किसानों के हितों के साथ समझौता किसी तरह उचित नहीं है। उनकी यह शिकायत मुख्य रूप से कपास निर्यात पर ‘प्रतिबंधों को लेकर थी।
पवार ने कहा, हालांकि, और कपास निर्यात की संभावना मौजूद है और ज्यादा निर्यात की जरूरत है, लेकिन हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि पिछले साल 51 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलो) का सर्वाधिक निर्यात हुआ था। इस साल 110 गांठ से अधिक कपास का निर्यात हो चुका है। पवार ने कहा कि कपास निर्यात के लिए अतिरिक्त कोटा की जरूरत है, क्योंकि घरेलू उत्पादन इस साल रिकॉर्ड 3.52 करोड़ गांठ रहा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 23, 2012, 16:52